– 10 लॉकर और तीन करोड़ रुपये नकद मिले
भोपाल, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आयकर विभाग की अगल-अलगी टीमों ने बुधवार को प्रदेश के तीन बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों और उनके करीबियों से जुड़े 52 ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें भोपाल में 49, इंदौर में दो और ग्वालियर में एक जगह छापा मारा गया है। भोपाल के रियल एस्टेट कारोबारी त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के आवास व अन्य स्थानों पर छापा डाला गया। सभी जगह मिलाकर तलाशी में 10 लाकर और तीन करोड़ रुपये नकद मिले हैं। ज्वेलरी भी मिली है, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की लंबे समय से इन रियल एस्टेट कारोबारियों पर नजर थी। इनके 52 ठिकानों पर दबिश देने के लिए 52 टीमें बनाई गई थीं। यह टीमें 125 गाड़ियों में पहुंची थीं। सुरक्षा के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स के 500 जवानों को तैनात किया गया था। जिन बिल्डरों के यहां छापा पड़ा है उनमें त्रिशूल के अतिरिक्त, क्वालिटी और ईशान बिल्डर शामिल हैं। साथ ही इनसे जुड़े जमीन की खरीदी बिक्री का कारोबार और होटल व्यवसाय के कारोबार में लगे लोगों के यहां भी तलाशी अभियान चलाया गया।
आयकर की टीम ने भोपाल में नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड, 10 नंबर मार्केट, मेंडोरी, मेंडोरा, आरपीएम टाउन आदि में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इंदौर में राजेश शर्मा के फ्लैट व आदित्य गर्ग के यहां तलाशी ली गई है। ग्वालियर में रामवीर सिंह सिकरवार के आवास पर कार्रवाई हुई है। वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं। कुछ दिन पहले उनके यहां ईडी की रेड भी पड़ी थी।
आयकर विभाग की टीम ने अब तक की जांच में तीन करोड़ रुपए कैश जब्त किए हैं। इसमें 1 करोड़ 20 लाख रुपए एक अन्य बिल्डर के यहां से जब्त हुए हैं। टीम को राजेश शर्मा के अब तक 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है। इसके अलावा भारी मात्रा में ज्वेलरी मिली है। इसका वैल्यूएशन किया जाना बाकी है। इसके अलावा सभी बिल्डरों के यहां की गई छापेमारी में भारी संख्या में दस्तावेज, मोबाइल, कंप्यूटर हार्ड डिस्क डेटा मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है।
विधानसभा में भी उठा मामला
रियल एस्टेट कारोबारियों के यहां आयकर छापे का मामला विधानसभा में भी उठा। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि आयकर का छापा उसी ग्रुप पर पड़ा है, जिसके बारे में मैंने कई प्रश्न और ध्यानाकर्षण लगाए, पर सुनवाई नहीं हुई। कुणाल बिल्डर है, त्रिशूल बिल्डर है, कोई शर्मा जी हैं। एक पूर्व मुख्य सचिव की बेनामी संपत्ति इन ग्रुप में लगी है।
(Udaipur Kiran) तोमर