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बांग्लादेश में हिंदू महिला नेता और उनके परिवार पर हमला, डर के साए में गुजर रहा वक्त

ढाका, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रति बढ़ते अत्याचारों का एक और भयावह मामला सामने आया है। हिंदू और अवामी लीग की समर्थक मणि कर्मकार ने अपने और अपने परिवार पर हुए हमलों को लेकर न्याय की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या हिंदू होना और अवामी लीग का समर्थन करना अपराध है?

मणि कर्मकार ने बताया कि उनके परिवार पर हिंसक हमला किया गया जिसमें उनकी मां की उंगली काट दी गई और बहन की गर्दन पर हमला किया गया। मणि ने कहा कि मेरे बच्चों का क्या अपराध है? वे स्कूल में पढ़ते हैं। मेरी मां और बहन को मारने की कोशिश की गई। मैं इस अन्याय का न्याय चाहती हूं।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मणि कर्मकार ने बताया कि वे अवामी लीग के लिए राजनीति करती हैं और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आदर्शों से प्रेरित हैं। एक ग्रुप द्वारा साझा किए गए पोस्ट में लिखा गया है कि यह हमला राजनीतिक और धार्मिक कारणों से किया गया। पोस्ट में यह भी कहा गया कि यह हमला केवल एक परिवार पर नहीं बल्कि लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था पर हमला है।

हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचार

बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने वाले मोहम्मद यूनुस के कार्यकाल में इन घटनाओं में तेजी आई है।

बुधवार को अवामी लीग द्वारा जारी बयान में बताया गया कि सिर्फ जय बांग्ला का नारा दीवार पर लिखने के कारण चांपाई नवाबगंज जिले में अवामी छात्र लीग के दो सदस्यों की हत्या कर दी गई।

इसके पहले भी हिंदुओं पर हमले की घटनाएं हुई हैं। चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशलबरण चक्रवर्ती पर कट्टरपंथियों ने हमला किया, जब उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया।

मणि कर्मकार ने कहा कि उनके परिवार पर हुए हमले के पीछे की सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कर रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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