नई दिल्ली, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान के बारे में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को जागरूक किया। इस कार्यक्रम में लगभग 250 सांसद मौजूद थे और उन्होंने अभियान के प्रयासों का समर्थन करने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सामुदायिक लामबंदी के प्रयासों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और अनुप्रिया पटेल ने सांसदों से राष्ट्रव्यापी अभियान की निगरानी, जागरूकता पैदा करने और सामुदायिक लामबंदी में सहयोग करने का आग्रह किया।
सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सांसदों की महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने सांसदों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 100 दिनों के सघन टीबी विरोधी अभियान की निगरानी करने, जागरूकता बढ़ाने और बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों को कम करने तथा अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए समुदाय को संगठित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि 2015 से टीबी की घटनाओं को कम करने में सरकार की सफलताओं पर प्रकाश डाला, जो वैश्विक स्तर पर देखी गई गिरावट की गति से दोगुनी से भी अधिक है। सांसदों को पिछले दस वर्षों में शुरू किए गए कई नए हस्तक्षेपों के बारे में बताया गया, जिनमें निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के साथ जुड़ाव, निक्षय पोषण योजना की शुरुआत, रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सहायता को हाल ही में दोगुना करना और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की निदान और उपचार क्षमता का उन्नयन शामिल है। मंत्रियों ने टीबी देखभाल को रोगियों के करीब ले जाने में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की केंद्रीय भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रतापराव जाधवने कहा कि
पंचायतों और टीबी चैंपियन की टीबी स्क्रीनिंग सेवाओं के और अधिक प्रसार और जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रतापराव जाधव ने सांसदों को इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि इसे जन आंदोलन बनाया जा सके। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर को कम करने में केंद्र सरकार के प्रयासों को हाल ही में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टीबी रिपोर्ट में मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने टीबी रोगियों की मृत्यु दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने के साथ-साथ टीबी उपचार कवरेज को 32 प्रतिशत तक बढ़ाया है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी