Uttar Pradesh

आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान- प्रो.सुषमा पाण्डेय

आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान-प्रो.सुषमा पाण्डेय*
आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान-प्रो.सुषमा पाण्डेय*
आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान-प्रो.सुषमा पाण्डेय*
आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान-प्रो.सुषमा पाण्डेय*
आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति के रूप में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान-प्रो.सुषमा पाण्डेय*

गोरखपुर, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बुधवार को चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला पी.जी. कालेज, गोरखपुर के बी.एड्. विभाग द्वारा – आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की विराट प्रतिमूर्ति अहिल्याबाई होल्कर, विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के शिक्षा शास्त्र विभाग की आचार्य प्रो.सुषमा पाण्डेय ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागियों/छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में विशेष प्रयास किया तथा उनकी शिक्षा एवं उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। भारत की महिलाओं ने इतिहास में वह स्थान अर्जित किया है जिससे देवता भी वंचित रहे हैं। महारानी अहिल्याबाई होलकर का व्यक्तित्व व कृतित्व उन्हें विश्व की श्रेष्ठतम महिलाओं की पंक्ति में अग्रणी बनाता है। भारत के इतिहास और जनमानस पर उनका विशेष प्रभाव रहा है। विश्व का सबसे बड़ा महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति कर्तृत्व के आदर्श के रूप में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का अनुसरण करती है। रानी न्याय करते समय अपने पराये में जरा भी भेद नहीं करती थी। व्यक्ति से लेकर पशुओं तक के दर्द को समझती थी। एक बार क्रूरता के मामले में बेटे के दोषी पाये जाने पर अहिल्याबाई होलकर बेटे को रथ के नीचे कुचलकर मारने के लिए निकल गई। राजमाता अहिल्याबाई होलकर, मालवा साम्राज्य की होलकर रानी थीं। उन्हें भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में से एक माना जाता है। 18वीं शताब्दी में, मालवा की महारानी के रूप में, धर्म का संदेश फैलाने में और औद्योगीकरण के प्रचार-प्रसार में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था। देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जयंती वर्ष को पूरे देश में मनाने के लिए ‘लोकमाता अहिल्याबाई होलकर देशभर के प्रख्यात कलाकार, शिक्षाविद्, साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। अतिथि स्वागत कालेज प्रबंधक डा.विजयलक्ष्मी मिश्रा ने किया।

कार्यक्रम के अन्तर्गत महाविद्यालय की 21 छात्राओं ने भाषण प्रतियोगिता के अन्तर्गत उत्साह से प्रतिभाग किया। निर्णायक मंडल के रूप में डा.वीरेन्द्र कुमार गुप्ता तथा डा.अमिता अग्रवाल ने अपना सहयोग दिया।

भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गरिमा मिश्रा, द्वितीय स्थान सम्पूर्णा पांडेय, तृतीय स्थान हुमा बानो तथा सांत्वना पुरुस्कार खुशी शर्मा, रिजवाना अंसारी, सोनम वर्मा को प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम संचालन बी.एड. विभागाध्यक्ष डा. अपर्णा मिश्रा ने किया। तथा धन्यवाद ज्ञापन एम. एड. विभागाध्यक्ष डा. रेखा श्रीवास्तव ने किया, इस अवसर पर प्राचार्य डा. सुमन सिंह तथा महाविद्यालय के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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