196 सूत्रों और अष्टांगों में महर्षि पतंजलि ने योग को प्रतिपादित किया
औरैया, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हजारों वर्ष पहले योग के जनक कहे जाने वाले महर्षि पतंजलि ने योग को 196 सूत्रों और अष्टांगों में प्रतिपादित किया था। योग साधना से ऋषि-मुनियों ने मनुष्यों के जीवन को निरोग, सशक्त बनाने के साथ उनके अंदर ईश्वरीय शक्ति को जागृत करने का काम किया था।
योग आयोजन समिति दिबियापुर के सहसंयोजक एवं जिला योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव तथा जिला महासचिव अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संघ औरैया मनमोहन सिंह सेंगर ने अपने रिटायर्ड जीवन में विगत 10 वर्षों से योग करते हुए इसकी उपयोगिता और महत्व को करीब से समझा। इसके साथ ही उन्होंने दिबियापुर नगर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी योग के प्रति जागरूकता और आकर्षण पैदा करने के लिए वह सदैव तत्पर रहते हैं। आज की योग कार्यशाला में उन्होंने सभी योग साधकों को संबोधित करते हुए योग के अष्टांगों में सम्मिलित यम, नियम, आसन, प्रणायाम, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा और समाधि को विस्तार से विश्लेषण कर समझाया तथा योग साधकों से कहा कि अगर अपने शरीर को स्वस्थ, निरोग और मजबूत रखना है तो नियमित योग करना बहुत जरूरी है। दिबियापुर नगर में रोजाना योग कार्यशाला को कुशल योग प्रशिक्षक हरिश्चंद्र प्रेमी द्वारा संचालित किया जाता है तथा समय-समय पर योग से संबंधित दिशा निर्देश जिला चैयरमैन योगासन और संरक्षक सेंट्रल जोन उत्तर प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन राजेश कुमार अग्निहोत्री प्रधानाचार्य द्वारा दिए जाते हैं। आध्यात्मिक ज्ञान की चर्चा प्रतिदिन विद्वान मनीषी सेवानिवृत्त इंजीनियर शिव शरण शर्मा द्वारा की जाती है।
(Udaipur Kiran) कुमार
(Udaipur Kiran) कुमार