Uttrakhand

कृषकों के लिए जैविक खेती बनेगी सफलता की कुंजी, बढ़ेगी आय 

गोपेश्वर में जैविक उत्पाद प्रशिक्षण में प्रतिभाग करते हुए।

– जैविक उत्पादक समूह के सदस्यों के लिए आयोजित प्रशिक्षण में मिले सफलता के टिप्स गोपेश्वर, 18 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बुधवार को हिमाद समिति की ओर से जैविक उत्पादक समूह सदस्यों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण सत्र में हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि जैविक खेती एक ऐसा प्राकृतिक रूप है जो फसल चक्र को हरी खाद, कम्पोट और जैविक कीट नियन्त्रण पर निर्भर करता है। उन्होने कहा कि जैविक खेती एक ऐसी पद्वति है जिसमें रासायनिक उर्वरता, कीटनाशकों तथा खरपतवारों के स्थान पर जीवांश खाद, गोबर खाद, हरी खाद, जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती पर्यावरण जलवायु की शुद्धता, भूमि के प्राकृतिक स्वरूप, जल धारण क्षमता एवं पर्यावरण संवर्धन के साथ ही कृषक को कम लागत में दीर्धकालीन स्थिर और गुणवत्ता वाली कृषि पद्धति है। साथ ही काश्तकार की आजिविका सुधार के लिए मील की पत्थर है। उन्होने जैविक खेती के महत्व, जैविक खेती उददेश्य, जैविक खेती के लाभ तथा जैविक विधियो तथा पोषक तत्व प्रबन्धन की विस्तृत जानकारी समूह सदस्यों को दी। जैविक खेती कार्यक्रम की समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि संस्था सेवा प्रदाता संजीवनी एग्रो फूडस लिमिटेट कम्पनी के माध्यम के जनपद चमोली के उर्गम कलस्टर, नौटी कलस्टर, कनखुल कलस्टर के 43 गांवों में जैविक खेती कार्यक्रम के तहत जैविक उत्पादक समूहों का गठन कर उसोका एजेंसी के माध्यम से 1990 कृषकों की एक हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक प्रमाणीकरण का कार्य कर रही है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसान की ओर से जैविक नियमों का पालन कर अपने उत्पाद जैविक रूप में विपणन करने की अनुमति प्रदान होती है। उन्होंने जैविक प्रमाणीकरण संस्थाओं, मानकों, बफर जोन, फसल चक्र, कीटनाशक प्रयोग करने की अनुमति तथा आंतरिक निरक्षण प्रक्रिया की जानकारी दी। प्रषिक्षण में जैविक खेती कार्यक्रम के आईसी प्रबन्धक भूपेन्द्र गुसांई और पंकज पुरोहित ने कहा कि जैविक प्रामाणीकरण के लिए किसान डायरी, आन्तरिक निरीक्षण प्रपत्र के साथ जैविक खेती आरम्भ करने से पूर्व के मानक, जैविक खेती करने के मार्ग में बाधाएं, जैविक खेती के उपयोग के तरीके के अलावा जैविक खेती में पोषक तत्वों के प्रबन्धन की जानकारी दी। इस अवसर पर हिमाद के फील्ड प्रबन्धक बहादुर सिंह रावत ने जैविक खेती को बढावा देने के लिए बीजामृत, संजीवक, नीमास्त्र, ब्रहमास्त्र, अग्नेयात्र, पंचगव्य, अमृत पानी, जीवामृत आदि के उपयोग तथा तैयार करने की विधियों की जानकारी के साथ घर पर तैयार जैविक कम्पोस्ट किट की सरल विधियों से भी रूबरू करवाया। प्रशिक्षण स्वयंसेवक दीक्षा, दिया, ज्योति देवी, लीला देवी, प्रिंयका रावत, हेमा देवी, गीता देवी, नन्दा भण्डारी आदि मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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