ऋषिकेश, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ऋषिकेश परिक्षेत्र के अंतर्गत समस्त स्थानीय एनएसएस इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में स्पर्श गंगा दिवस कार्यक्रम बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. सुनैना रावत, गढ़वाल मंडल के कार्यक्रम समन्वयक पीएस नेगी और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. गौरव वार्ष्णेय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सुनैना रावत ने कहा कि स्पर्श गंगा का उद्देश्य केवल गंगा को स्वच्छ करना नहीं है बल्कि सभी जल स्रोतों, नदियों और गाड़-गढ़ेरों को स्वच्छ रखना है, ताकि हम सुरक्षित और शुद्ध जल प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर पीने योग्य जल की मात्रा घटती जा रही है और अगर हमें भविष्य में जल संकट से बचना है तो सभी जल स्रोतों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है।गढ़वाल मंडल के कोऑर्डिनेटर पुष्कर सिंह नेगी ने कहा कि स्पर्श गंगा दिवस की शुरुआत 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने की थी और यह निरंतर गतिमान है। वर्तमान में नमामि गंगे के तहत इसे संचालित किया जा रहा है और ऋषिकेश परिक्षेत्र में इस कार्यक्रम को मनोज कुमार गुप्ता द्वारा विधिवत तरीके से चलाया जा रहा है, जो गर्व की बात है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला समन्वयक दिलेराम रवि ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य समाज को नई दिशा देना है, ताकि देश समृद्ध हो सके। इस अवसर पर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के स्वयंसेवकों और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर गौरव वार्ष्णेय व संचालन नरेन्द्र सिंह रावत तथा मनोज कुमार गुप्ता ‘आचार्य मनुश्री’ ने किया।कार्यक्रम संयोजक मनोज कुमार गुप्ता ‘आचार्य मनुश्री’ ने कहा कि स्पर्श गंगा के इस कार्यक्रम की सफलता में स्थानीय इकाइयों और उनके अधिकारियों का अहम योगदान है। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में समाजसेवी अमरीश गर्ग, डॉ. धीरेन्द्र रांगड, डॉ. रितेश जोशी, पूर्व कार्यक्रम अधिकारी विजय पाल सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विक्रम सिंह