West Bengal

अवैध निर्माण रोकने के लिए राज्य सरकार की नई पहल, सभी नगरपालिकाओं में बनेगी अनुमति समिति

अवैध निर्माण

कोलकाता, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य की सभी नगरपालिकाओं में आवास निर्माण की अनुमति देने के लिए एक नई समिति का गठन किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य न केवल अवैध निर्माण पर लगाम लगाना है, बल्कि इससे राजस्व में भी वृद्धि होने की संभावना है।

राज्य सरकार के इस निर्णय का सीधा असर सभी नगरपालिकाओं पर पड़ेगा, जहां बड़े पैमाने पर आवास निर्माण हो रहा है। हालांकि, इन निर्माणों में से अधिकांश में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ महीनों पहले अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त की थी। इसके बाद से निर्माण अनुमति प्रक्रिया में बदलाव लाने की कवायद शुरू हो गई थी।—————

काउंसिलरों की शक्तियां कम होंगी

नए नियमों के तहत, काउंसिलरों की भूमिका सीमित कर दी गई है। अब तक, नगरपालिकाओं में ‘बोर्ड ऑफ काउंसिलर्स’ के जरिए आवास निर्माण की अनुमति दी जाती थी, जिसमें काउंसिलरों का अहम भूमिका होता था। लेकिन अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इसके स्थान पर नई समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें नगर पालिका के अधिकारी और पदाधिकारी शामिल होंगे।

इस समिति के अध्यक्ष कार्यकारी अधिकारी होंगे, जबकि नगर पालिका के चेयरमैन को अध्यक्ष के रूप में रखा जाएगा। इसके अलावा, वित्त विभाग के अधिकारी और इंजीनियर भी समिति का हिस्सा होंगे। हालांकि, चुने हुए प्रतिनिधि अपनी सलाह दे सकते हैं, लेकिन निर्णय लेने का अधिकार उनके पास नहीं होगा।

विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम तृणमूल कांग्रेस की चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में शहरी इलाकों में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। माना जा रहा है कि शहरी वोटरों को वापस अपने पक्ष में लाने के लिए तृणमूल सरकार यह सख्त कदम उठा रही है।

नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में अवैध निर्माण की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में कोलकाता के पोर्ट क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बहुमंजिली इमारत गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई थी। यह इलाका कोलकाता के मेयर और नगर विकास मंत्री फिरहाद हाकिम के निर्वाचन क्षेत्र में आता है। इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया था और विपक्ष ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। नई व्यवस्था दिसंबर के अंत तक लागू होगी

नगर विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस नई प्रक्रिया को दिसंबर के अंत तक लागू करने की योजना है। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद ही इस दिशा में काम तेज किया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए आवश्यक है, बल्कि नगरपालिकाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी एक प्रयास है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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