Madhya Pradesh

पूर्वी तीन किमी. पैदल चलकर स्‍कूल जाती थी, साइकिल दी तो खुशी का ठिकाना न रहा

पूर्वी तीन किमी. पैदल चलकर स्‍कूल जाती थी, साइकिल दी तो खुशी का ठिकाना न रहा

दतिया, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति के विकास के लिए काम कर रही है। बच्चों को साइकिल इसलिए प्रदान इसलिए की जा रही है ताकि दूर-दराज के बच्चें समय से विद्यालय पहुंच सकें। अब वह समय नहीं रहा जब छात्र-छात्राओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पढ़ाई करने के लिए पैदल जाना पढ़ता था अब शासन द्वारा यह संभव हुआ और छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने के लिए निःशुल्क साईकिले दी जा रही है, जिससे बालक-बालिकाओं में खुशी का महौल है।

कुमारी पूर्वी पाल निवासी ग्राम महेवा जिला दतिया ने अपने ही गांव के प्राथमिक विद्यालय है जिससे वह कक्षा 1 से 5वी तक अध्यययन कऱ चुकी है। अब उन्हें कक्षा 6वी के लिए अपने गांव से बाहर जाना पड़ा।

कुमारी पूर्वी ने कक्षा 6वी के लिए शासकीय माध्यमिक विद्यालय सोनागिर स्टेशन में प्रवेश करा लिया वह उनके गांव से 3 किलोमीटर दूर है। उन्हें पैदल ही जाना पड़ता था और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, उनके पिता मजदूरी करते थे। वह गरीब होने के कारण वे अपने लिए एक साईकिल भी खरीद पाना बड़ा ही मुश्किल था, जिस कारण वह अपनी पढाई को लेकर बहुत दुखी रहती थी।

जब पूर्वी इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि गांव से सोनागिर की 3 किलोमीटर की दूरी है, यह दूरी तय करने के लिए पहले मुझे पैदल चलना पड़ता था, जिससे मेरा करीब आधा घंटा खर्च हो जाता था और मैं विद्यालय में पहुंचकर काफी थका हुआ महसूस करती थी और कई बार लेट भी हो जाया करती थी। अब मुझे स्कूल से निःशुल्क साईकिल वितरण योजना से एक साईकिल मिल गई। साथ ही निःशुल्क कितावें, गणवेश, छात्रवृत्ति भी मिली।

पूनम को साईकिल मिलने से उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और वह अपनी पढाई बहुत अच्छे से कर पा रही है। आज वह बहुत खुश है और उनके माता-पिता भी खुश है कि उनकी बेटी अच्छी तरह से पढाई कर पा रही है। कुमारी पूर्वी पाल ने बताया कि म.प्र. शासन द्वारा मुख्यमंत्री डॉ.. मोहन यादव का बहुत-बहुत धन्यवाद जो बच्चों के लिए निःशुल्क साईकिल वितरण योजना चलाई है। इन जन कल्याणकारी योजनाओं को चलाकर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक बने हुए है।

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा

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