शिमला, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 70.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है। यह योजना सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन और औपचारिकीकरण के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करती है। केंद्र सरकार का यह कदम राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ स्थानीय उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों को प्रतिस्पर्धी बनाना और क्षेत्र के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना है।
सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना के तहत केंद्रीय सरकार 10 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2020-21 से लेकर 2025-26 तक यह योजना चला रही है। यह योजना खासतौर पर छोटे और मध्यम स्तर के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर केंद्रित है, ताकि वे अपने उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार कर सकें और बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ा सकें।
रवनीत सिंह ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत वर्ष 2024-25 के लिए हिमाचल प्रदेश को 70.50 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा जारी किया गया है। यह राशि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि पीएमएफएमई योजना के तहत 2 राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी संस्थानो और 43 राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों को प्रशिक्षण सहायता के लिए मान्यता दी गई है। इस योजना में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने की परिकल्पना नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए दो एसएलटीआई तथा डाॅ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय और चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय को योजना के तहत प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने के लिए नामित किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा