चित्तौड़गढ़, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । चित्तौड़गढ़ के बहुचर्चित यौन शोषण का मामला लगातार सुर्खियों में है। नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के पूर्व सभापति संदीप शर्मा के विरूद्ध विवाहिता द्वारा नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण करने को लेकर सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। यहां 29 नवम्बर को दर्ज एफआईआर में पूर्व सभापति पर गंभीर धाराओं में आरोप लगे थे। प्रकरण दर्ज होने के बाद से पुलिस लगातार संदीप शर्मा की तलाश कर रही थी। इस बीच मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय ने संदीप शर्मा की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश जारी करते हुए 4 सप्ताह में अनुसंधान पूर्ण कर केस डायरी तलब की है।
उल्लेखनीय है कि गत 29 नवम्बर को संदीप शर्मा के विरूद्ध सदर थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद तीन दिसम्बर को शर्मा ने राजस्थान उच्च न्यायालय में पिटीशन दायर की थी। इस पिटीशन में एफआईआर क्रेश करने की गुहार लगाई गई थी। जस्टिस फरजंद अली की बेंच में प्रस्तुत होने पर उन्होंने सुनवाई से इंकार करते हुए पिटीशन को दूसरी बेंच में स्थानान्तरित किया था। इसके बाद मंगलवार को सुनवाई की गई। जानकारी के अनुसार न्यायालय ने अपने आदेश में चार सप्ताह में केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए शर्मा की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व शर्मा की गिरफ्तारी काे लेकर पुलिस ने उनके घर और होटल आदि स्थानों पर दबिश भी दी थी। वहीं पीड़िता के बताए स्थानों पर मौका मुआयना किए जाने की तैयारी की जा रही थी। अब इस आदेश के जारी होने के बाद चार सप्ताह में पुलिस को न्यायालय में केस डायरी प्रस्तुत करनी होगी।
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(Udaipur Kiran) / अखिल