Haryana

पलवल :  3डी प्रिंटिंग से आएंगे भवन निर्माण में बदलाव, स्टूडेंट को मिलेगा लाभ

मंच पर उपस्थित विशेषज्ञ व प्रोफेसर

पलवल, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल में निर्माण प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी कौशल विभाग द्वारा भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद के सहयोग से भवन निर्माण में 3डी प्रिंटिंग पर मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 3डी प्रिंटिंग के प्रयोग से भवन निर्माण में आमूल चूल परिवर्तन पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने भविष्य की भवन निर्माण तकनीक पर मंथन भी किया।

कार्यशाला में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि 3डी प्रिंटिंग ने कई बड़े बदलावों को जन्म दिया है। इससे बहुत बड़ी संभावनाएं भी सामने आई हैं। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिए एसडीसीएमटी और बीएमटीपीसी को बधाई दी। विश्वविद्यालय के प्रो. आरएस राठौड़ ने कहा कि छात्रों को प्रासंगिक पाठ्यक्रमों में कौशल प्रदान करते हुए महत्वपूर्ण तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।

डीन प्रो. आशीष श्रीवास्तव ने 3डी प्रिंटिंग तकनीक के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया और कहा कि भविष्य में यह तकनीक भारत में काफी लोकप्रिय हो जाएगी। प्रो. एके वातल ने कहा कि छात्रों के लिए अधिक कौशल के मकसद भारत में प्रमुख और अग्रणी संस्थानों और उद्योगों के साथ निर्माण प्रबंधन और प्रौद्योगिकी विषय पर चर्चा हुई है। इसका भविष्य में काफी लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।

कार्यशाला में विशेष रूप से त्वस्ता मैन्युफैक्चरिंग सॉल्यूशन की ओर से बी. परिवर्तन रेड्डी, माइक्रोब की ओर से शशांक शेखर, सिम्पलीफोर्ज क्रिएशंस 3डी क्रिएशन के निदेशक फैजान चौधरी, क्रेटबोस डिजिटल कंस्ट्रक्शन के निदेशक डॉ. धीरज कुमार लाल, अवि खरे और एलएंडटी प्रबंधक गगनदीप सिंह ने विशेषज्ञ के रूप में 3डी कंस्ट्रक्शन पर अपनी तकनीकी राय व्यक्त की। प्रतिभागियों को यह जानने का मौका मिला कि कैसे 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके तेज, सटीक और जटिल निर्माण के लिए बेंगलुरु और चंडीगढ़ में एक डाकघर भवन का निर्माण किया गया। इस मौके पर प्रो. ऋषिपाल, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. कुलवंत सिंह, प्रो. ऊषा बत्रा, डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. पिंकी, उप निदेशक अमीश अमिया, डॉ. जेके दुबे, डॉ. राजेश चौहान व दीपिका पोरिये सहित एससीएमटी के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग

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