—महिला महाविद्यालय बीएचयू में छात्राओं के लिए जागरूकता सत्र
वाराणसी,17 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । महिला महाविद्यालय ,काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मंगलवार को छात्राओं के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार सत्र का आयोजन किया गया। सत्र में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.रीता सिंह ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल रचनात्मकता को सुरक्षित करने में मदद करता है, बल्कि पेंटेंट एजेंट जैसे कार्यक्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, प्रशिक्षण और स्थानिकरण प्रकोष्ठ (एमएमवी) ने यूनाइटेड वर्ल्ड पेंटेंट एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ 2 घंटे का एक संवाद सत्र आयोजित किया। यह पेंटेंट एजेंसी बीएचयू के फैकल्टी सदस्यों के पेंटेंट आवेदन को संभालने के लिए नियुक्त की गई है । और पिछले कुछ वर्षों में इसने कई पेंटेंट सफलतापूर्वक दर्ज किए हैं। जिनमें से एक हाल ही में महिला महाविद्यालय की फैकल्टी सदस्य प्रोफेसर नीलम श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ। सत्र में विशेषज्ञ पैनल का नेतृत्व तरन्नुम खान (सीनियर पेंटेंट एसोसिएट और पंजीकृत पेंटेंट एजेंट), लता तिवारी (पेंटेंट एसोसिएट और पंजीकृत पेंटेंट एजेंट) ,रिंकी बोस (पेंटेंट एसोसिएट और पंजीकृत पेंटेंट एजेंट) ने किया। इन विशेषज्ञों ने छात्राओं को पेंटेंटिंग की संभावनाओं, प्रक्रिया, पेंटेंट आवेदन तैयार करने और उसे दायर करने के सर्वोत्तम अभ्यासों, लाइसेंसिंग, फ्रेंचाइज़िंग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और पेंटेंट मुद्रीकरण के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा, छात्राओं को कॉपीराइट और भौगोलिक संकेत (जीआई) के बारे में भी परिचित कराया । सत्र को लेकर छात्राओं में विशेष उत्साह तब देखा गया जब उन्हें यह पता चला कि वे अपनी सभी प्रकार की रचनात्मकता जैसे कविता लेखन, कहानी लेखन, डिजाइनिंग आदि को सुरक्षित कर सकती हैं। कार्यक्रम की शुरुआत भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के प्रतिमा पर माल्यापर्ण से हुआ। प्राचार्य प्रोफेसर रीता सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी