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उद्योग प्रशिक्षण के लिए एआईसीटीई और सीआईआई ने की साझेदारी

समझौता ज्ञापन के दौरान राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी और एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कौशल विकास पर 11वें सीआईआई वैश्विक शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। इस सहयोग का उद्देश्य सभी एआईसीटीई अनुमोदित तकनीकी संस्थानों में वर्तमान और भविष्य में उद्योग जगत की जरूरतों पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना है।

इस दौरान कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव एवं राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ्रे, सीआईआई राष्ट्रीय कौशल विकास और आजीविका समिति के अध्यक्ष, सीआईआई विमानन समिति, आकासा एयरलाइंस के सह-संस्थापक और बोर्ड सदस्य, होमेज के संस्थापक व निरंतर सेवा की केंद्रीय क्षमता टीम के अध्यक्ष आदित्य घोष समेत कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान प्रो. टी.जी. सीताराम ने भारत के विकास को गति देने के लिए कौशल विकास को एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि हम अपने अद्वितीय जनसांख्यिकीय परिस्थिति का लाभ उठाने के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू कर रहे हैं। कौशल विकास एक आधारशिला के रूप में उभरता है, जो व्यक्तियों को डिजिटल और भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाता है ताकि एक आत्मनिर्भर, कुशल कार्यबल तैयार किया जा सके। सीआईआई और नैसकॉम जैसे इंडस्ट्री लीडर्स के साथ सहयोग के माध्यम से हमारा लक्ष्य भविष्य के लिए कार्यबल तैयार करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में लोगों को प्रशिक्षित करना है। उन्हें निरंतर सीखने के अवसर और नवीनतम प्रगति के साथ गति प्रदान करना अनिवार्य है। उन्होंने वर्किंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम और भारती कार्यक्रम जैसी एआईसीटीई की विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया। प्रो. सीताराम ने कहा कि चार करोड़ से अधिक छात्रों के उच्च शिक्षा में प्रवेश करने के साथ केवल शिक्षा पर नहीं बल्कि रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। केवल डिग्री सफलता को परिभाषित नहीं करेगी बल्कि सफलता को परिभाषित करेगी।

आदित्य घोष ने कहा कि यह साझेदारी कौशल अंतर को पाटने और उद्योग के लिए तैयार प्रतिभाओं के लिए एक मजबूत ईकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साथ मिलकर हम ऐसे प्रभावशाली कार्यक्रम बनाएंगे, जो कल के कार्यबल को आकार देंगे।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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