नई दिल्ली, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है। लोकेश शर्मा ने इस मामले में माफ करने और सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी थी।
इसके पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 नवंबर को लोकेश शर्मा को इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका दी थी। उसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को 25 नवंबर को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था लेकिन अग्रिम जमानत मिलने की वजह से पुलिस ने लोकेश शर्मा को रिहा कर दिया। लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है, जो अभी लंबित है। एफआईआर निरस्त करने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई हुई है।
दरअसल, जब राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार थी तब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस को जांच से रोकने की मांग की थी। राजस्थान में जब भाजपा की सरकार बनी तब राज्य सरकार ने कहा कि उसे दिल्ली पुलिस की जांच में कोई अड़चन नहीं है और उसने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली। दरअसल, लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 26 मार्च, 2021 को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी।
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