लखनऊ, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) में उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सूक्ष्म और लघु उद्यम को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक औद्योगिक गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं पर युवाओं को शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। सोमवार को शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में औषधीय एवं सगंध पौधों से निर्मित उत्पादों की तकनीकियों पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे देश के विभिन्न राज्यों जैसे मेघालय, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड आदि से 20 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे डॉ. डी. के. श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, (यूपीसीएसटी) ने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप किसानों व उद्यमियों के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। सीएसआईआर-सीमैप के वैज्ञानिकों के प्रयासों के द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों में नई-नई प्रजातियों व तकनीकों का विकास किया है, जिनको प्रतिभागी सीख का नए उद्योग लगा सकते हैं। उन्होंने विभाग द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं के बारें मे भी बताया। उन्होंने इनोवेशन तथा सस्टैनबिलिटी पर अधिक ज़ोर देते हुए कहा कि आने वाला समय हर्बल उत्पादों का है ।
इस अवसर पर डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, प्रमुख व्यापार विकास विभाग ने कहा कि यह वैज्ञानिक पहल भारतवर्ष को हर्बल उत्पाद उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेगा । इससे देश में बने हर्बल उत्पादों को घरेलू बाज़ार के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है, जिससे भारत को विदेशी मुद्रा का भी अर्जन होगा। इस अवसर पर डॉ. अनिर्बन पाल, मुख्य वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों पर आधारित हर्बल उत्पादों के बारें मे विस्तार जानकारी दी।
इस अवसर पर डॉ. संजय कुमार ने संस्थान द्वारा प्रदत्त सेवाओं के बारे मे अवगत कराया। इस अवसर पर डॉ. एन.पी. यादव, डॉ. राम सुरेश शर्मा, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, डी. पी. मिंडाला, प्रियंका सिंह, रजनी गौतम व दीपक कुमार वर्मा व शोधार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने किया।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय