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हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना, सीएमएचओ व्यक्तिश : तलब

jodhpur

जोधपुर 16 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाइकोर्ट के आदेश को करीब नौ माह बीत जाने के बावजूद पालना नहीं करने व अनुकम्पा नियुक्ति नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कंटेम्प्ट नोटिस तामील होने के बावजूद अवमाननाकर्ताओ के हाजिऱ नहीं होने पर हाइकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने जोधपुर शहर सीएमएचओ डॉ. सुरेंद्र सिंह शेखावत को बीस हजार रुपए के जमानतीय वारंट से व्यक्तिश: तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।

दरअसल प्रियंका माथुर की ओर से याचिका दायर की गई थी। राजस्थान सरकार में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर सेवारत रहते हुए देहांत हो जाने पर कर्मचारी की विवाहिता पुत्री ने अनुकम्पा नियुक्ति हेतू आवेदन किया। पूर्व में राजस्थान हाइकोर्ट की वृहदपीठ ने प्रियंका श्रीमाली प्रकरण में यह निर्धारित कर दिया था कि विवाहिता पुत्री भी अनुकम्पा नियुक्ति हेतु हकदार हैं। इसके बावजूद अनुकम्पा नियमों में 2021 में किए गए राज्य सरकार द्वारा संशोधन से पूर्व याचिकाकर्ता अनुकम्पा नियुक्ति हेतु हकदार थी और उसका वादकरण भी वर्ष 2020 का है लेकिन राज्य सरकार ने 2021 में हुए संशोधन का हवाला देकर अनुकम्पा नियुक्ति देने से मना कर दिया जिसपर याचिकाकर्ता ने रिट याचिका दायर कर अनुकम्पा नियुक्ति दिलाये जाने की गुहार लगाई।

हाइकोर्ट की एकलपीठ ने गत 19 मार्च को निर्णय देते हुए याचिकाकर्ता को अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिए आदेशित किया। निर्णय की पालना नही होने पर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी के माफऱ्त अवमानना याचिका पेश की। अवमानना याचिका के नोटिस जारी होने पर नोटिस तामिल भी हो गए लेकिन नौ महीने बीत जाने के बावजूद भी निर्णय की पालना नही की और न ही अवमानना कर्ता प्रमुख शासन सचिव शुभ्रा सिंह व अन्य न्यायालय में उपस्थित हुए जिसपर हाइकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर सीएमएचओ डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत को बीस हजार रुपए के जमानतीय वारंट से व्यक्तिश: तलब करते हुए अवमानना प्रकरण की अगली पेशी 17 जनवरी नियत की।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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