Bihar

किसानो ने सिकरहना नदी पर बनाये जा रहे बांध के कार्य को रोका

बांध का विरोध करते किसान
बांध का विरोध करते किसान

पूर्वी चंपारण,16 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।जिले के सुगौली प्रखंड के दक्षिणी छपरा बहास पंचायत के सपहां गांव में सोमवार को सिकरहना नदी पर बन रहे बांध के कार्य को किसानों ने रोक दिया। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामचन्द्र सहनी के नेतृत्व में कार्यस्थल पर पहुंचे सैकड़ों की संख्या में किसान जेसीबी के सामने बैठ गए और काम को रोक दिया और जम कर बवाल काटा। किसानो का कहना है कि जान दे देंगे पर बांध नही बांधने देंगे।

सोमवार को विभाग के द्वारा चिन्हित कर लगाए गए पिलर के बीच में जेसीबी द्वारा मिट्टी काटने का काम शुरू किया गया था।इसी बीच सैकड़ो की संख्या में पहुंचे किसानो ने जेसीबी के सामने प्रदर्शन करते हुए उसे खेत से बाहर निकलवा सड़क पर करवा दिया। ग्रामीणाें ने बताया कि हमारे खेतों की उपज से हमारे परिवार का भरण-पोषण होता है,जिसमे धान,गेंहू,गन्ना सहित अन्य फसलों को उगाया जाता है। क्षेत्र के करीब 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर है।यदि सिकरहना नदी के दक्षिणी तरफ बांध बना दिया जायेगा तो खेत बालू का रेत बन कर बंजर हो जायेगा।साथ ही बाढ़ के पानी के जमाव से गांव के लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा। यह बांध पर्यावरण और भौगौलिक परिवेश के विपरीत बनाया जा रहा है,जिससे किसान के सामने भुखमरी की स्थिति बन जायेगी।हमलोग किसी भी कीमत पर बांध नही बनने देंगे।

प्रदर्शनकारी किसानो ने कहा कि सिकरहना नदी के उत्तरी छोर से दर्जनो नेपाली नदियां आकर सिकरहना में मिलती है।बांध बंध जाने से नदी में ज्यादा पानी आ जायेगी और लोगों के जानमाल की भारी क्षति होगी।इसके पूर्व में 1980 में भी बांध बांधने की शुरुआत की गई थी और जमीन का भुगतान भी किया गया था पर किसानों के विरोध के बाद काम रोक दिया गया।फिर से तकरीबन चौआलीस वर्षों बाद एक बार फिर बांध बनाने का काम शुरू किया गया है,जिसका भारी विरोध किया जा रहा है।

किसानों ने बताया कि इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय व जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर बांध का काम नही रुका तो हमलोगों आंदोलन के लिए बाध्य होगे।सरकार किसानों को मदद करने का काम करे।वही पूर्व मंत्री रामचंद्र सहनी ने बताया कि नदी के किनारे बांध बना देने से वहां की जमीन बर्बाद हो जाएगी। साथ ही कैथवलिया भवानीपुर सपहां मेंहवा मधूमलती कपरसंडी मोखलिसपूर गोबरी,सिसवनियां, मोहम्मदपुर खैरी और खैरा घाट सहित करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव की बड़ी आबादी विस्थापित हो जायेगे।

(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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