Delhi

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाएगी एनडीएमसी

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह की फाइल फोटो

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए परिषद क्षेत्र के बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाने की घोषणा की है। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने साेमवार काे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शहरी जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और ईज ऑफ लिविंग मिशन के मिशन मोड पर लागू करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

एनडीएमसी द्वारा अपने क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त बनाने की यह पहल उसी दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम है। चहल ने बताया कि इस परियोजना के तहत शुरुआत में लोधी रोड के 500 मीटर लंबे खंड में 15 बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे। प्रत्येक खंभे पर पांच नोजल होंगे, और हर नोजल में छह छिद्र होंगे, जिससे प्रति खंभा कुल 30 छिड़काव बिंदु द्वारा छिड़काव किया जाएगा।

यह प्रणाली एक घंटे के संचालन में प्रति खंभा 81 लीटर पानी का उपयोग करेगी। इसके लिए चार टैंकों की व्यवस्था की जाएगी। जिनकी क्षमता 5,000 लीटर प्रति टैंक होगी। इस प्रणाली में केवल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से उपचारित पानी का उपयोग किया जाएगा। इससे ताजे पानी का संरक्षण सुनिश्चित होगा।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्तमान में प्रारंभिक चरण में है और इसे अगले वर्ष लागू किया जाएगा।

आगे चहल ने कहा कि लोधी रोड पर इस परियोजना की सफलता के बाद इसे शांति पथ और अफ्रीका एवेन्यू जैसे प्रमुख स्थानों पर विस्तारित किया जाएगा, और धीरे-धीरे इसे पूरे एनडीएमसी क्षेत्र में लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एनडीएमसी पहले से ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य पहले कर रहा है। मैकेनिकल रोड स्वीपर को जीपीएस ट्रैकिंग के साथ सड़कों की सफाई के लिए तैनात किया गया है, और इनकी निगरानी स्मार्ट सिटी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से की जाती है।

उन्होंने बताया कि एनडीएमसी ने एंटी-स्मॉग गन और मिस्ट स्प्रे मशीनें भी खरीदी हैं। जिनका उपयोग आवश्यकतानुसार वायु में मौजूद धूल और कणों को कम करने के लिए किया जाता है। 5,000 से 10,000 लीटर क्षमता वाले पानी के टैंकरों का उपयोग सड़कों के किनारे पेड़ों और झाड़ियों पर पानी छिड़कने के लिए किया जाता है। इसके लिए भी एसटीपी से उपचारित पानी का ही उपयोग किया जाता है ताकि ताजे पानी की बर्बादी न हो। एनडीएमसी हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण अभियान आयोजित करता है। सड़क किनारे हरित क्षेत्रों में नियमित रूप से पानी देने और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। ये सभी प्रयास प्रधानमंत्री के प्रदूषण-मुक्त भारत के विज़न के अनुरूप हैं। अंत में चहल ने कहा कि टीम एनडीएमसी नवाचार और प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है और पर्यावरणीय स्थिरता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

—————

(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

Most Popular

To Top