भोपाल, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मप्र विधाससभा शीतकालीन सत्र का सोमवार को पहले दिन जहां कई मुद्दों को सत्ता पक्ष एवं विपक्षी सदस्यों ने उठाया, वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने किसानों के मुद्दों को लेकर मोहन सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने प्रश्नकाल समाप्त होते ही खाद की कमी को प्रमुखता से सदन में उठाया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से आग्रह किया कि वे इस पर सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब सदन में दिलवाएं ताकि प्रदेश के किसान आश्वस्त हो सकें कि उनकी खाद की समस्या का समाधान कब तक होने जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। कांग्रेस लगातार यह मुद्दा उठा रही है। अब तक सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है। सरकार बताए कि इस मुद्दे पर चर्चा तो हो जाएगी लेकिन किसानों को खाद कब मिलेगा? वहीं इसे लेकर विस अध्यक्ष का कहना है कि किसानों के तमाम मुद्दों को लेकर सदन में चर्चा करेंगे, तब सभी विषय इनसे जुड़े उसमें आ जाएंगे। लेकिन जब विधानसभा की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने देखा कि सत्ता पक्ष की ओर से खाद के मामले को लेकर सरकार का कोई पक्ष नहीं आ रहा है तो वे एवं अन्य कांग्रेस के सदस्यों ने आज सदन का बहिर्गमन कर दिया ।
दूसरी ओर आज प्रश्नकाल के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री को विभाग की ओर से गलत जानकारी मिलने पर कांग्रेस उन्हें घेरती हुई नजर आई। सदन में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के राघोगढ़ कॉलेज के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री ने आरोन कॉलेज को लेकर गलत जवाब दे दिया। सरकार ने राघोगढ़ में पीजी कोर्सेस नहीं होने के बाद भी पीजी कोर्स चलाना बताया था। जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि गलती से दूसरे कॉलेज की जानकारी का लिखित उत्तर दे दिया गया था, जिसे सुधार दिया गया है। इस पर जयवर्धन सिंह ने शिक्षा मंत्री को घेरते हुए खेद व्यक्त करने के लिए कहा। इंदर सिंह परमार ने सदन में गलती स्वीकार की। साथ ही कहा कि भविष्य में विभाग की ओर से गलत जानकारी नहीं जाएगी। उन्होंने सदन को बताया कि जिन्होंने ये गलत जानकारी मुहैया कराई, उन पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि हिन्दी और इतिहास दो विषयों में राघोगढ़ कॉलेज पीजी माध्यता लेने के लिए अपनी आर्हता पूरी करता है, आगे जब भी महाविद्यालय द्वारा आवेदन दिया जाएगा, इन दोनों विषयों में पीजी कक्षाओं के लिए मान्यता दे दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी