RAJASTHAN

राजस्थान में पहली बार हेलिकॉप्टर से पहुंचाए ऑर्गन

जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज पहुंचे हेलिकॉप्टर से ऑर्गन बॉक्स मेडिकल टीम ने उतारा।

जयपुर, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। तीन घंटे में हेलिकॉप्टर ने झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर में हार्ट-किडनी-लिवर पहुंचाए। अंग सुरक्षित रहें, इसलिए जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल और जोधपुर एम्स के एक किलोमीटर के दायरे में ही हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई।

दस दिसंबर को झालावाड़ के एक युवक विष्णु (33) को एसआरजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। विष्णु का झगड़ा हुआ था और उसे सिर में चोट लगी थी। सिर के ऑपरेशन के बाद भी 13 दिसंबर को वह ब्रेनडेड हो गया था। इसके बाद परिजनों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए परमिशन दी।

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में तेरह और चाैदह दिसंबर को दो ऑपरेशन कर विष्णु के किडनी, हार्ट, लिवर और लंग्स को निकाला गया। रविवार को सुबह 10.30 बजे उन्हें हेलिकॉप्टर से झालावाड़ से जयपुर पहुंचाया गया।

दो अंग को उसी हेलिकॉप्टर से दोपहर 1.30 बजे जोधपुर एम्स पहुंचाया गया। जयपुर में दो मरीजों को और जोधपुर में एक मरीज को ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए गए।

युवक के अंग डोनेशन में दो किडनी, लिवर, दो लंग्स, हार्ट और दो कॉर्निया शामिल हैं। अंगदान प्रक्रिया से जुड़े यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल नैनवाल ने बताया कि आंखों का कॉर्निया शाइन इंडिया कोटा और एक किडनी, एक लीवर जोधपुर भेजा था। ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन की टीम के डॉक्टर्स का कहना है कि हार्ट और लंग्स का ट्रांसप्लांट 4 से 6 घंटे में करना जरूरी होता है। यदि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर करते तो ये संभव नहीं होता।

इसलिए ये निर्णय किया गया कि ऑर्गन को एयलिफ्ट कर लाया जाएगा। राजस्थान में पहली बार ऐसा हो रहा है।

डॉक्टर चित्रा ने बताया कि जब हमारे पास इस तरह का मरीज आता है तो उसके ऑर्गन को ऑप्टिमाइज करना पड़ता है।

जैसे ही झालावाड़ से ऑर्गन रवाना हुए तो हमने यहां पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। हर बार ग्रीन कॉरिडोर बनाते थे। इस बार हमने हेलिकॉप्टर अरेंज करवाया।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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