Haryana

राेहतक: नवजात के इलाज में काेताही का आराेप लगाकर परिजनाें ने किया हंगामा

फोटो कैप्शन 15आरटीके1 : सामान्य अस्पताल में नवजात शिशु के ईलाज को लेकर हुए हंगामे के दौरान चिकित्सक व परिजन बातचीत करते -------------

पुलिस भी पहुंची अस्पताल, शिशु को पीजीआई में किया रैफर

रोहतक, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सामान्य अस्पताल में परिजनों ने नवजात शिशु के ईलाज में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और इस बारे में परिजनों व चिकित्सकों से पता किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि चार दिन से नवजात शिशु सामान्य अस्पताल में भर्ती है, लेकिन डाक्टरों द्वारा सही प्रकार से इलाज नहीं किया जा रहा है, जबकि सामान्य अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती सभी नवजात शिशुओं का बेहतरीन इलाज किया जा रहा है। अस्पताल के ब्रेस्ट रूम में केवल स्टाफ व महिलाओं की एंट्री है, जबकि महिला स्टॉफ द्वारा पुरूषों को रूम में जाने से रोका जा रहा था तो परिजनों ने हंगामा खड़ा किया है। परिजनों का यह भी आरोप है कि सामान्य अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें बिना बताए ही नवजात शिशु को पीजीआई में रैफर किया है। रविवार सुबह सामान्य अस्पताल के जच्चा बच्चा वार्ड के ब्रेस्ट रूम के बाहर नवजात शिशु के परिजनों ने चिकित्सकों पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

जींद जिले के गांव पोली निवासी प्रदीप व राहुल ने बताया कि सामान्य अस्पताल में ही चार दिन पहले उनके यहां परिवार में नवजात शिशु पैदा हुआ और तभी से वह ब्रेस्ट रूम में भर्ती है, जहां पर स्टॉफ व चिकित्सकों द्वारा सही प्रकार से शिशु की कोई देखभाल नहीं की जा रही है। चिकित्सक बार बार उन्हें गुमराह कर रहे है, जबकि लगातार नवजात शिशु की हालत बिगडती जा रही है। परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक नवजात शिशु से परिजनों को मिलने व देखने तक नहीं देते है और कोई ठीक प्रकार से ईलाज नहीं किया जा रहा है और बार बार जबरदस्ती फाइल पर साइन करवाने की जिद कर नवजात शिशु को ले जाने की बात कर रहे है।

सामान्य अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित कपूर ने बताया कि ब्रेस्ट रूम में 15 नवजात शिशु भर्ती है, जिनका बेहतरीन तकनीक से इलाज किया जा रहा है। ब्रेस्ट रूम में केवल महिलाएं ही जा सकती है, जहां पर पुरूषों का कोई काम नहीं है, लेकिन शिशु के परिजन ब्रेस्ट रूम में जाने की बार बार जिद्द कर रहे थे, जिन्हे महिला स्टॉफ ने पुरूषों को बार बार रोकने का प्रयास किया और इसी बात को लेकर परिजनों ने विवाद खड़ा कर दिया। रहीं बात पीजीआई में रेफर की तो सिविल अस्पताल के चिकित्सक बेहतरीन इलाज मुहैया करवा रहे है और जब मरीज की हालत गंभीर हाे ताे पीजीआई में रैफर किया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि बताया कि चिकित्सकों की अपने मरीज के साथ कोई भेदभाव नहीं होता है और चिकित्सक का पहला धर्म भी यही है कि वह निस्वार्थ भाव से मरीज का ईलाज करे, लेकिन कई बार तिमारदार भी अपने मरीज को लेकर परेशान होते है, जोकि स्वाभिवक है।

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(Udaipur Kiran) / अनिल

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