Uttrakhand

गढ़वाली संगीत और सांस्कृतिक झंकार में रंगा अलकनंदा पर्यटन मेला

मैठाणा मेले में अपने गानों की प्रस्तुति देते हुए मंजू नौटियाल।

– मंजू नोटियाल और प्रदीप बुटोला के गीतों से सजे अलकनंदा मेला का समापन – स्वास्थ्य शिविर से लेकर सांस्कृतिक संगीतम तक, अलकनंदा मेला रहा अविस्मरणीय गोपेश्वर, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के मैठाणा में आयोजित पांच दिवसीय अलकनंदा पर्यटन सांस्कृतिक ग्रामीण कृषि विकास मेला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ रविवार को संपन्न हो गया। मेले के अंतिम दिन कलश संस्था, मंजू नोटियाल, और प्रदीप बुटोला के कार्यक्रमों ने समापन के मौके को और भी यादगार बना दिया।अलकनंदा पर्यटन मेला न केवल क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी एक मंच पर एकत्रित किया, जिससे अलकनंदा क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को भी नया दृष्टिकोण मिला। मेले के अंतिम दिन की शुरुआत कलश संस्था द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम से हुई। ओमप्रकाश सेमवाल, मुरली दीवन, और बृजेश की कविताओं ने उपस्थित दर्शकों का दिल छू लिया। इसके बाद प्रसिद्ध लोक गायिका मंजू नोटियाल ने अपने लोकप्रिय गढ़वाली गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। साथ ही लोक गायक प्रदीप बुटोला ने अपने मधुर गीतों से मेले में एक अद्भुत समां बांध दिया, जिसे श्रोताओं ने बहुत सराहा। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानन्द ट्रस्ट द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सौ से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। मेले के समापन अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले महिला मंगल दलों और अन्य प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।समापन समारोह में मेला समिति के अध्यक्ष विक्रम बर्तवाल, संरक्षक चंडी प्रसाद थपलियाल, सचिव राकेश खनेड़ा, पूर्व प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट, प्रधान संगठन अध्यक्ष दशोली नयन कुंवर, बीरेंद्र रावत, दर्शन नेगी, प्रेम सिंह, मनवर सिंह, सुरेंद्र रावत, सोहन सिंह, नरेंद्र पंवार, महेंद्र चौहान, आरएल आर्य आदि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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