Madhya Pradesh

भोपालः सीएमएचओ के औचक निरीक्षण का दिखा असर, स्वास्थ्य संस्थाओं में समय पर उपस्थित मिला स्टाफ

– यूपीएचसी ईशान नगर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय मल्होत्रा पर होगी सेवा समाप्ति की कार्यवाही

भोपाल, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य संस्थाओं में कर्मचारियों की नियत समय पर उपस्थिति का निरीक्षण लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। एक दिन पूर्व ही निरीक्षण के दौरान विलंब से आए चिकित्सकों और कर्मचारियों पर सीएमएचओ भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई थी।

सीएमएचओ द्वारा की गई कार्यवाही और सघन मॉनिटरिंग के कारण लगभग सभी स्वास्थ्य संस्थाओं का स्टाफ निर्धारित समय पर उपस्थित मिला। शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के निर्देश पर विभिन्न अधिकारियों ने स्वास्थ्य संस्थाओं में सुबह की ओपीडी का निरीक्षण किया था। संस्थाओं में विलंब से पहुंचने वाले 20 चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ सीएमएचओ द्वारा कार्यवाही करते हुए वेतन कटौती एवं कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

शनिवार को सुबह 9.00 बजे पुनः विभागीय अधिकारियों ने स्वास्थ्य संस्थाओं में जाकर ओपीडी के समय पर चालू होने, स्टाफ की समय पर उपस्थिति एवं सेवा प्रदायगी की जांच की। दलों द्वारा सिविल अस्पताल गोविंदपुरा, सिविल डिस्पेंसरी पिपलानी, सिविल डिस्पेंसरी आनंद नगर, सिविल डिस्पेंसरी 1100 क्वार्टर, सिविल डिस्पेंसरी बागसेवनिया, संजीवनी क्लिनिक बाबा नगर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशान नगर का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की ओपीडी सेवाओं को देखा गया। प्रायः सभी संस्थाओं में सुबह 9.00 बजे स्टाफ उपस्थित मिला।

निरीक्षण में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशान नगर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय मल्होत्रा अनुपस्थित पाए गए। उनके द्वारा उपस्थिति पंजी पर एक दिन पूर्व ही हस्ताक्षर कर दिए गए थे। डॉ. मल्होत्रा की कार्यप्रणाली की शिकायतें पूर्व में भी प्राप्त हुईं थी। इनके द्वारा कर्त्तव्य के प्रति निरन्तर उदासीनता और लापरवाही को देखते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मरीजों को उपचार लेने में विलंब और परेशानी न हो, इसके लिए समय- समय पर संस्थाओं का औचक निरीक्षण करवाया जाता है। निरीक्षण के दौरान मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक भी लिया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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