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अब मेडिकल जांच एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट कंप्यूटर टाइपकी से होगी तैयार

साकेंतिक फोटो

– डीजी मेडिकल हेल्थ सेवाएं ने निर्देशों को अमल में लाने का दिया आश्वासन – रिपोर्ट की हस्तलिखित कॉपी दाखिल होने पर कोर्ट में अधिकारियों ने मांगी माफी- पाक्सो एक्ट के तहत आरोपित नाबालिग को मिली सशर्त जमानत

प्रयागराज, 14 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मेडिकल जांच एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट कम्प्यूटरीकृत टाइप कॉपी तैयार करने की जवाबदेही डॉक्टरों एवं स्टाफ के अलावा सीएमओ एवं सीएमएस सभी की है।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उप्र ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद हस्तलिखित पोस्टमार्टम एवं मेडिकल जांच रिपोर्ट आने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। हालांकि अर्जी की सुनवाई के दौरान महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रत्न पाल सिंह सुमन एवं अपर शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र के सहयोग की कोर्ट ने सराहना की और महानिदेशक को इसे पूरे प्रदेश में कड़ाई से लागू करने का एक और मौका दिया है।

कोर्ट ने पीलीभीत के करेली थाने में दर्ज पाक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के नाबालिग आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है।

मालूम हो कि वसीम बनाम राज्य केस में अपर मुख्य सचिव गृह ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि मेडिकल जांच,चोट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब कम्प्यूटर से टाइप होगी। इसका पालन नहीं किया जा रहा और वर्तमान मामले में हस्तलिखित रिपोर्ट दाखिल की गई है। जो पठनीय नहीं है। कोर्ट ने इसे न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप माना और अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी व डायरेक्टर जनरल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उप्र से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा कि कोर्ट को दिए गये आश्वासन का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है।

तीनों अधिकारियों ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कम्प्यूटर टाइप कापी ही तैयार करने के निर्देश के साथ सर्कुलर जारी किया जा चुका है। लापरवाह डाक्टर के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। इसके लिए साफ़्टवेयर बनाने की तैयारी प्रगति पर है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा अस्पतालों पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं का नियंत्रण है। आदेश जारी किए गए हैं। डीजी मेडिकल हेल्थ ने कहा सीएमओ पीलीभीत द्वारा डाक्टर को कारण बताओ नोटिस दी गई है। सीएमओ पीलीभीत आलोक कुमार ने भी कोर्ट से माफी मांगी। डीजी मेडिकल हेल्थ सेवाएं ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि पूरे प्रदेश के डाक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मेडिकल जांच रिपोर्ट कम्प्यूटरीकृत टाइप कापी जारी किया जाएगा। कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव विधि उप्र को भेजने का आदेश दिया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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