नवादा, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार झा के मार्गदर्शन में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया ,जिसमे पक्षकारों को सुलह के आधार पर वादों का निष्पादन किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत से कोई भी निराश होकर पक्षकार नहीं लौटे। जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए. में समान न्याय एवं निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने हेतु निदेशित किया गया है। इसी को स्थापित करने के प्रयास के रूप में राष्ट्रीय लोक अदालत वर्ष में चार बार आयोजित की जाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों का निष्पादन सुलह के आधार पर किया जाता है। इससे न्याय भी जल्दी मिलता है और न्यायालयों पर अतिरिक्त भार भी नहीं बढ़ता है।
सचिव सरोज कृति ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय के बोझ को कम करने का सरल तरीका है। इस लोक अदालत में सभी वादों का सुलहनीय तरीके से निष्पादन किया जाता है एवं कोई भी वादी-प्रतिवादी निराश नहीं लौटते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय योग्य न्यायालय आधारित कुल 370 मामले का निष्पादन किया गया तथा प्री लिटिगेशन के 343 वित्तीय के मामले का निष्पादन किया गया। इस प्रकार व्यवहार न्यायालय में कुल 713 मामले का निष्पादन किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आशुतोष कुमार झा, जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश, पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया।
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन