चंडीगढ़, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को हर महीने तीन हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। तीन लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में यह आर्थिक सहायता दी जाएगी। 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीज विकलांग पेंशन के पात्र होंगे।
इसी साल 30 जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को पेंशन देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी थी। अब सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी अनुपमा ने शनिवार को हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016 में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे सभी पात्र मरीजों को पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में थैलेसीमिया के 1300 और हीमोफीलिया के 783 मरीज हैं। सभी 2083 रोगियों को साल में कुल साढ़े सात करोड़ रुपये की पेंशन दी जाएगी। दिव्यांगता पेंशन ले रहे मरीज ठीक हो गए हैं या नहीं, संबंधित सिविल सर्जन थैलेसीमिया और हीमोफिलिया प्रमाणपत्रों का प्रति वर्ष सत्यापन किया जाएगा। योजना का लाभ उठाने के लिए रोगी का हरियाणा का मूल निवासी होना जरूरी है। साथ ही तीन साल से हरियाणा में रहना भी चाहिए। प्रदेश में 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को पेंशन का प्रावधान है। वर्तमान में प्रदेश में सरकार की ओर से कुल 14 श्रेणियों में पेंशन दी जा रही है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा