HEADLINES

आधुनिक इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट उपलब्धि है भारतीय रेलवे का नया पम्बन ब्रिज 

आधुनिक इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट उपलब्धि है भारतीय रेलवे का नया पम्बन ब्रिज : इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि

जयपुर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । देश में रेल यात्रा को अधिक सुगम एवं सुविधापूर्ण बनाने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय रेल का नया पम्बन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है, जो न केवल इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि है, बल्कि भारतीय अवसंरचना के विकास का प्रतीक भी है। रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला 2.08 किलोमीटर लंबा यह पुल पाक स्ट्रेट के नीले जल को पार करता है।

उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, यह पुल भारत की मुख्य भूमि को पवित्र रामेश्वरम नगर से जोड़ता है, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल एक सदी से भी अधिक समय तक रहा। पुराना पम्बन ब्रिज भारत का पहला समुद्री पुल व नवाचार और दृढ़ता का उदाहरण बना हुआ था। उन्होंने बताया कि 21वीं सदी की शुरुआत में पुराना पम्बन ब्रिज आधुनिक परिवहन की मांगों को पूरा करने में असमर्थ हो गया रेल यातायात की बढ़ती मात्रा और तेज व सुरक्षित कनेक्टिविटी की आवश्यकता ने सरकार को एक नई संरचना का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया, जो तकनीकी रूप से उन्नत टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार हो।

शशि किरण के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत सरकार ने इस परियोजना को स्वीकृति दी। नए उद्देश्यों के अनुरूप यह पुल पुराने पुल की सीमाओं को समाप्त करते हुए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए एक नया रास्ता तैयार करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस परियोजना को प्राथमिकता दी गई और इसे एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना के रूप में मान्यता दी गई, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य करेगी।

पंबन ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं

इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण पम्बन ब्रिज संरचना और सौंदर्य का एक अदभुत संगम है, जिसके डिजाइन और निर्माण की कुछ प्रमुख विशेषताएं इसे भारत के सबसे उन्नत पुलों में से एक बनाती हैं। यह पुल 2.08 किलोमीटर लंबा है और इसमें 199 छोटे स्पैन (प्रत्येक 183 मीटर) हैं। इसके अलावा इसमें एक 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जिसे समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह ब्रिज अपने पूर्ववर्ती पुल की तुलना में 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाजों को आसानी से गुजरने का मार्ग मिलता है।

इस पुल की नींव को अत्यंत मजबूत बनाया गया है। इसमें 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स का उपयोग किया गया है, जो इसे न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य के रेल यातायात की जरूरतों को भी संभालने में सक्षम बनाते हैं। पुल का सुपर स्ट्रक्चर पूरी तरह से वेल्डेड बॉक्स सेक्शन से निर्मित है, जिससे स्प्लाइस जोड़ों की आवश्यकता समाप्त हो गई है। इसकी सतह पर एक उन्नत प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जो इसे लगभग 58 वर्षों तक स्थायी बनाए रखने में सक्षम है।

ब्रिज की निर्माण प्रक्रिया के तहत 99 स्पैन को सिंगल लाइन के लिए तैयार किया गया है। लिफ्ट स्पैन, जिसे साइट से बाहर तैयार किया गया था, को सटीकता से स्थापित किया गया ताकि उसका सही संरेखण और कार्यक्षमता सुनिश्चित हो सके। पुल की संरचनात्मक मजबूती की जांच करते हुए 15 किलोमीटर लगे खंड पर मंडपम छोर से एक मालगाड़ी का सफल परीक्षण किया गया, जिसने पुल की परिचालन तत्परता को प्रमाणित कर एक सुरक्षित और विश्वसनीय मार्ग सिद्ध किया है।

तकनीकी श्रेष्ठताः डिजाइन और सत्यापन

1. सहयोगात्मक डिजाइन का दृष्टिकोण ब्रिज में तकनीकी उत्कृष्टता और डिजाइन की विश्वसनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, जिसका डिजाइन इंटरनेशनल कंसल्टेंट ज्लै द्वारा तैयार किया गया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी चेन्नई व आईआईटी मुंबई द्वारा प्रमाणित किया गया है। यह दोहरे सत्यापन की प्रक्रिया ब्रिज की संरचनात्मक मजबूती और तकनीकी उत्कृष्टता को रेखांकित करती है।

2. वर्टिकल लिफ्ट स्पैन ब्रिज की सबसे अनूठी विशेषता इसका वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है। भारत में अपनी तरह का प्रथम यह खंड 72.5 मीटर लंबा है, जिसे समुद्री यातायात की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

—————

(Udaipur Kiran) / राजीव

Most Popular

To Top