-12 साल पहले विभागीय जांच के बाद किया गया था बर्खास्त
गाजियाबाद, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । थाना मुरादनगर पुलिस ने शनिवार को दिल्ली सरकार से बर्खास्त होने के बाद भी पद का दुरुपयोग कर षडयंत्र रचकर फर्जी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने के मामले में बर्खास्त सम्भागीय निरीक्षक को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी एसएन तिवारी ने बताया कि 25 अक्टूबर को थाना मसूरी पर गंभीर धाराओं में छह लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। इसकी विवेचना मुरादनगर थाना प्रभारी कर रहे हैं। विवेचना के दौरान बर्खास्त सम्भागीय निरीक्षक मनीष पुरी निवासी प्रिंटर अपार्टमेंट सैक्टर–13 रोहिणी थाना प्रशान्त विहार दिल्ली का नाम प्रकाश में आया। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी। शनिवार को बर्खास्त निरीक्षक मनीष कुमार को रोहिणी थाना प्रशान्त विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया गया ।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि मैं मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (सम्भागीय निरीक्षक) के पद पर तैनात था । 12 वर्ष से मेरी विभागीय जांच चल रही थी जिसके परिपेक्ष में दिल्ली सरकार द्वारा कार्यवाही करते हुए मुझे 10 अगस्त 2022 को बर्खास्त किया गया था । सात सितंबर 2024 को यूपी पुलिस के उपनिरीक्षक मेरा बयान लेने आए थे उस समय मैं बर्खास्त था, लेकिन मैंने लालच में अपने साथी रोहित भसीन एवं अन्य के बहकावे में आ गया और ऐसे अपराध को अंजाम दिया। मैं व मेरे अन्य साथी मिलकर मोटा मुनाफा कमाना चाहते थे। कुछ मामलों में अच्छा रुपया हमने कमाया भी है फिर शकील व अम्बर जेटली ने कुछ जमीन ग्राम राघोपुर थाना छावला नई दिल्ली में दिखाई थी। मैंने ही अपने साथियों के साथ मिलकर कूटरचित फर्जी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया था, जिससे प्राप्त रुपये का लाभ सभी ने उठाया था । उसने पुलिस को बताया कि सीबीआई में वर्ष 2014 व 2016 में मेरे खिलाफ और भी मुकदमे लिखे हुए थे । मैं बर्खास्त होने के बाद भी यूपी पुलिस के उपनिरीक्षक को बाबर्दी दुरस्त मिला था ।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली