RAJASTHAN

भृगुसंहिता के विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य पंडित नाथूलाल व्यास पंचतत्व में विलीन

भृगुसंहिता के विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य पंडित नाथूलाल व्यास पंचतत्व में विलीन

भीलवाड़ा, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भृगुसंहिता के विद्वान और हाथों की लकीरों के माध्यम से सटीक भविष्यवाणी करने वाले ख्यातनाम ज्योतिषाचार्य पंडित नाथूलाल व्यास ने गुरुवार तड़के 5 बजे अंतिम सांस ली। 95 वर्षीय पंडित व्यास का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोपहर में मोक्षधाम कारोई कलां में अंतिम संस्कार किया गया।

पंडित व्यास ने अपने अद्वितीय ज्ञान और भविष्यवाणी की कला के माध्यम से कारोई कलां को ज्योतिष नगरी के रूप में एक विशेष पहचान दिलाई। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित यह कस्बा न केवल राजस्थान बल्कि देश-विदेश में ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध है।

राजनीतिक हलचलों के दौरान, खासकर चुनावी समय में, पंडित व्यास के यहां नेताओं का जमावड़ा लगता था। राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के दिग्गज नेता उनसे अपने राजनीतिक भविष्य की जानकारी लेते थे। उनकी ख्याति केवल देश तक सीमित नहीं रही। रूस, जर्मनी, फिलीपींस, अमेरिका, लंदन और जापान जैसे देशों के छात्र और शोधकर्ता ज्योतिष विद्या पर अध्ययन के लिए कारोई आते थे। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी, फिल्मी हस्तियां, संत, महंत और विदेशी मेहमान भी पंडित व्यास के पास अपने भविष्य की जानकारी लेने पहुंचे।

पंडित व्यास ने कई प्रसिद्ध हस्तियों के जीवन से जुड़ी सटीक भविष्यवाणियां कीं। उनकी पहली प्रमुख भविष्यवाणी भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से जुड़ी थी। उन्होंने प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति बनने की बात कही थी, जो बाद में सच साबित हुई। इस भविष्यवाणी ने पंडित व्यास और कारोई को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।

विदेशी शोधकर्ताओं का आकर्षण

कारोई का ज्योतिषीय महत्व सिर्फ भारतीय नेताओं और धार्मिक हस्तियों तक सीमित नहीं रहा। विदेशी शोधकर्ताओं और छात्रों ने भी यहां आकर ज्योतिष विद्या का अध्ययन किया। पंडित व्यास ने अपने ज्ञान से एस्ट्रोलॉजी की दुनिया में कारोई का नाम दर्ज कराया।

धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान

पंडित व्यास न केवल ज्योतिष बल्कि धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। वर्ष 2016 में उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा की राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की पहली एटीएम सेवा का उद्घाटन किया। इसके अलावा, आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ और युवाचार्य महाश्रमण जैसे जैन संतों ने उनसे विचार-विमर्श किया।

अस्वस्थता और विदाई—

पिछले दो-तीन वर्षों से पंडित व्यास अस्वस्थ चल रहे थे। 95 वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुवार सुबह अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन से कारोई और पूरे ज्योतिष जगत में शोक की लहर है। पंडित नाथूलाल व्यास ने अपने जीवनकाल में न केवल अपने गांव बल्कि पूरी दुनिया में कारोई का नाम रोशन किया। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनकी विद्वता और उपलब्धियां हमेशा स्मरणीय रहेंगी।

—————

(Udaipur Kiran) / मूलचंद

Most Popular

To Top