प्रयागराज, 12 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा में भवन किराया करार में स्टाम्प ड्यूटी की चोरी के आरोप में वसूली व पेनाल्टी कार्यवाही आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने मंदिरा क्रियेशन प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि स्टाम्प एक्ट की धारा 33(4) का पालन नहीं किया गया। दस्तावेज की छाया प्रति के आधार पर कार्यवाही की गई जबकि नोटिस देकर मूल दस्तावेज मंगाना चाहिए था।
कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज नहीं जमा किया जाता तो उपधारा 5 के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान याची से जमा कराई गई धनराशि ब्याज सहित एक माह में वापस की जाए। याची कम्पनी ने सम्बंध इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली से नोएडा के सेक्टर 58 सी 54 को 16 अगस्त 2005 से किराए पर लिया और 100 रुपये के स्टाम्प पर किराया करार किया। लेकिन इस पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हुए थे और याची ने कब्जा ले लिया। कलेक्टर ने धारा 33 में स्टाम्प कमी की वसूली कार्यवाही की। जिसके तहत 11,72,500 रुपये की स्टाम्प कमी बताई गई। अपील मंजूर करते हुए नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश हुआ। निगरानी भी खारिज कर दी गई। इस पर यह याचिका की गई।
याची का कहना था कि धारा 33 का पालन नहीं किया गया। उसे नोटिस नहीं दिया गया। मूल दस्तावेज जमा करने को नहीं कहा गया और स्टाम्प कमी पेनाल्टी व ब्याज की वसूली कार्यवाही की गई, जो अवैध है। यह भी कहा कि करार अभी लागू नहीं हुआ है। उस पर प्राधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्टाम्प कमी की वसूली कार्यवाही के आदेश को रद्द कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे