जम्मू, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को वैश्विक बाजारों में जम्मू-कश्मीर के फूलों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी को जल्द ही रेलवे के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा।
जम्मू सिविल सचिवालय में पुष्प उत्पादन, उद्यान विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा करने और क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने हेतु मुख्यमंत्री ने भारत भर में और वैश्विक स्तर पर कश्मीर के फूलों के विपणन के लिए इस संपर्क का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस क्षेत्र की क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए प्रगतिशील उत्पादकों और अन्य हितधारकों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने विभाग को सौंदर्य अपील को बढ़ाने के लिए हवाई अड्डे की सड़क के किनारे ट्यूलिप लगाने और श्रीनगर के प्रतिष्ठित ट्यूलिप गार्डन में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन अभियान शुरू करने का निर्देश दिया।
इससे पहले आयुक्त सचिव शेख फैयाज अहमद ने विभाग के कामकाज पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें उपलब्धियों और चल रही परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया। चर्चा में शामिल प्रमुख मील के पत्थर और पहलों में ट्यूलिप शो 2024 शामिल है, जिसमें 72 किस्मों के रिकॉर्ड 1.7 मिलियन ट्यूलिप लगाए गए जिसने मार्च 2024 में 4.46 लाख पर्यटकों को आकर्षित किया। बैठक में फूलों की खेती के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास पर भी चर्चा की गई जिसमें सजावटी चेरी के पेड़ के बागानों (सकुरा) की स्थापना और सनासर में ट्यूलिप गार्डन का निर्माण शामिल है।
इस दौरान पहलगाम में चपरासी और गुलाब के बागानों की स्थापना पर भी प्रकाश डाला गया, साथ ही छह ऐतिहासिक मुगल उद्यानों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया। चर्चा में क्षेत्र के पार्कों और उद्यानों के आधुनिकीकरण और संवर्द्धन के उद्देश्य से चल रही और आगामी विभिन्न परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनमें बाग-ए-बाहु गार्डन का उन्नयन और जम्मू में बोर कैंप गार्डन की स्थापना शामिल थी। चर्चा की गई अन्य परियोजनाओं में उधमपुर में गुलदाउदी के बागानों का विकास, बादामवारी का उन्नयन और दारा शिकोह गार्डन की स्थापना शामिल हैं।
गुलमर्ग में थीम गार्डन का निर्माण, फूलों की नर्सरी का विकास और जम्मू में एक मॉडल फूल केंद्र की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया।इसके अतिरिक्त, बाग-ए-बाहु में एक एम्फीथिएटर और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं की योजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने संसाधनों का अनुकूलन करते हुए और राजस्व उत्पन्न करते हुए दक्षता बढ़ाने के लिए उद्यान रखरखाव के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विभाग से उन पहलों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जो क्षेत्र की समृद्ध प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए जम्मू और कश्मीर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देते हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यान रखरखाव, संसाधन अनुकूलन और राजस्व सृजन के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने विभाग से उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया जो जम्मू और कश्मीर की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ाती हैं।बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्यमंत्री के एसीएस धीरज गुप्ता, आयुक्त सचिव फ्लोरीकल्चर, पार्क एवं उद्यान शेख फैयाज अहमद, फ्लोरीकल्चर कश्मीर/जम्मू के निदेशक और अन्य संबंधित लोग उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह