विद्वता और विनम्रता ने बनाया विष्णुकांत शास्त्री को लोकप्रिय : धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पंडित विष्णुकांत शास्त्री के जीवन और कृतित्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी विद्वत्ता, विनम्रता और विश्वसनीयता ने उन्हें एक महान व्यक्तित्व बनाया। वे न केवल एक राजनेता थे, बल्कि एक साहित्य प्रेमी, विद्वान और भारतीय संस्कृति के मर्मज्ञ भी थे। धर्मेंद्र प्रधान ने ये बातें प्रधानमंत्री संग्रहालय के सभागार में आयोजित विष्णुकांत शास्त्री रचना-संचयन के लोकार्पण समारोह में कहीं।
प्रधानमंत्री संग्रहालय में इस कार्यक्रम का आयोजन साहित्य अकादमी द्वारा किया गया, जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि शास्त्री जी ने प्राचीन और आधुनिक साहित्य के गहन अध्ययन और आलोचना द्वारा अद्वितीय योगदान दिया। उनका बहुआयामी जीवन भारतीय संस्कृति, धर्म और साहित्य को समर्पित रहा। उनके साहित्यिक योगदान और काव्य प्रेम ने उन्हें विशिष्ट स्थान दिलाया।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने शास्त्री जी के जीवन के कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए संसद के साथ उनके संबंधों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी का जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, पुस्तक के संपादक डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी और संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरूनीश चावला ने भी शास्त्री जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री, डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी और अरुनीश चावला का स्वागत अंगवस्त्र और साहित्य अकादमी के प्रकाशन भेंट करके किया गया। उन्होंने शास्त्री जी को भारतीय परंपरा और आधुनिक सोच के मध्य सेतु बताया।
उल्लेखनीय है कि आचार्य विष्णुकांत शास्त्री न केवल हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं, बल्कि राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव और उपाध्यक्ष डॉ. कुमुद शर्मा ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर