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व्यंजन द्वादशी पर छोटी काशी के मंदिरों में ठाकुरजी को लगाया विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग

व्यंजन द्वादशी पर छोटी काशी के मंदिरों में ठाकुरजी को लगाया विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग

जयपुर, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । व्यंजन द्वादशी पर गुरुवार को छोटी काशी के मंदिरों में ठाकुरजी को बाजरे के खीचड़े, रेवड़ी, गजक, सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। भक्तों को भी प्रसाद का वितरण किया गया। व्यंजन द्वादशी का मुख्य उत्सव आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में हुआ। वहीं शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में दर्शनों के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।

मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी जी के सान्निध्य में मध्याह्न 12 से 12.30 बजे तक ठाकुर श्रीजी की विशेष उत्सव झांकी के दर्शन हुए। ठाकुर श्रीजी को 101 व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसमें छप्पन भोग और 25 प्रकार के कच्चे भोग के व्यंजन शामिल है। भोग में मेवा मिश्रित खीचड़ा, दाल के बड़े और राधा रानी का प्रिय अरबी भोग मुख्य थे। इस मौके पर दर्शनार्थियों को राजभोग झांकी के बाद करीब सौ किलो विशेष खीचड़े का प्रसाद वितरित किया गया। इससे पूर्व मंगला झांकी के बाद ठाकुर श्रीजी का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। नवीन पीली केसरिया पोशाक और अंगरखी पोशाक धारण कराई गई। विशेष अलंकार से श्रृंगार किया गया।

गर्भगृह में जली अंगीठी

व्यंजन द्वादशी से ठाकुर जी की दिनचर्या में परिवर्तन हो गया है। ठाकुर श्रीजी को हाथों में दस्ताने, श्री चरणों में मोजे एवं गुलीबंद (मफलर) धारण कराया गया। गर्भगृह में अंगीठी की सेवा प्रारंभ हो गई है। इसके अलावा जयपुर के लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में ठाकुरजी को बाजरे के खीचड़े, रेवड़ी, गजक, सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। सरस निकुंज में पकवानों की झांकी सजाई गई। आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर में भी श्रदृधालुओं ने विशेष झांकी के दर्शन किए। गलता गेट स्थित गीता गायत्री गणेश मंदिर में विभिन्न व्यंजनों के भोग की झांकी के दर्शनों के लिए श्रदालुओं की भीड़ उमड़ी। मुरली मनोहरजी मंदिर, राधा दामोदरजी, गोपीनाथ मंदिर में भी व्यंजन द्वादशी पर विशेष आयोजन किए गए। वहीं लक्ष्मी जगदीश मंदिर, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अक्षय पात्र मंदिर में भी झांकियों के समय में बदलाव किया है। ज्यूस आदि के बजाय गरम पकवानों का भोग लगाया जा रहा है। इस्कॉन मंदिर में भगवान को हलवे का भोग लगाया गया।

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(Udaipur Kiran)

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