मंडी, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि जनरल जोरावर सिंह के अदम्य साहस पराक्रम व वीरता के परिणाम स्वरुप ही लद्दाख जम्मू कश्मीर राज्य का अंग बना व आज भारतीय गणराज्य का अंग है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ व इतिहास विभाग एवं मंडी पीडिया डॉट कॉम के संयुक्त तत्वावधान से जनरल ज़ाोरावर सिंह की 183 वीं पुण्यतिथि अवसर पर पुण्यतिथि एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्य ललित कुमार अवस्थी कुलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के मुख्य अतिथि व कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य अनुपमा सिंह प्रति कुलपति ने की। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गंगा राम राजी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में आचार्य ललित अवस्थी ने कहा कि जनरल जोरावर सिंह सर्वोच्च उत्सर्ग और बलिदान की मिसाल कायम करने वालों में शिरोमणि हैं जिसकी कोई और मिसाल भारतीय इतिहास में नहीं मिलती। वे 12 दिसंबर 1841 को युद्धक्षेत्र में अदम्य साहस पराक्रम व वीरता से लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए। भारत के इस महान सपूत के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग एवं शोधार्थियों का आहवान किया कि जनरल जोरावब सिंह की तरह किसी अन्य योद्धा पर पुस्तक का प्रकाशन करे।
वहीं पर कार्यक्रम संयोजक एवं सहायक आचार्य इतिहास डॉ.राकेश कुमार शर्मा ने जनरल ज़ाोरावर सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विचार रखे । मुख्य अतिथि ने विनोद बहल द्वारा लिखित मंडयाली बोली में लिखी मंदरा मंदरा आस्सा जाणा पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक के बारे में उन्होंने कहा कि विनोद बहल द्वारा लिखित मंदरा मंदरा आस्सा जाणा मंड्याली गीत संग्रह पुस्तक क्षेत्रीय भाषा और लोकधुनों को संरक्षित करने का एक अद्भुत प्रयास है। इस संग्रह के माध्यम से न केवल मंडयाली लोकगीतों का संरक्षण होगा बल्कि आने वाली पीढिय़ों को अपनी जड़ों से जोडऩे का माध्यम भी मिलेगा।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. गंगा राम राजी ने पुस्तक समीक्षा प्रस्तुत की उन्होंने कहा कि मंदरा-मंदरा आस्सा जाणा शीर्षक में छिपा अर्थ हमारी परंपरागत जीवनशैली और गीतों की सहजता को दर्शाता है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा