कोलकाता, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में जारी सामाजिक अशांति और आर्थिक मंदी का असर कोलकाता के पुस्तक प्रकाशन उद्योग पर साफ दिखाई दे रहा है। दोनों देशों के बांग्ला लेखकों की किताबों की बिक्री और खरीदारी करने वाले पाठकों की संख्या में गिरावट आई है। कोलकाता इंटरनेशनल बुक फेयर में बांग्लादेशी पुस्तकों का पवेलियन न होने और हाल के दिनों में लगभग 40 प्रतिशत ‘फ्लोटिंग’ पाठकों की कमी ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है।
कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट स्थित पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि निर्यात और आयात पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, और नियमित पाठकों की संख्या में भी कमी नहीं आई है। लेकिन, बांग्लादेशी लेखकों की पुस्तकों की बिक्री में गिरावट ने पब्लिशर्स को चिंता में डाल दिया है। देज पब्लिशिंग के निदेशक सुदीप दे ने बताया कि समर्पित पाठक तो अब भी आते हैं, लेकिन 30-40 प्रतिशत नए या अचानक खरीदारी करने वाले पाठक अब नहीं आ रहे।
दे ने कहा कि यह गिरावट पिछले कुछ महीनों से जारी बांग्लादेश में अस्थिरता और हाल की हिंसक घटनाओं से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, निर्यात और आयात ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में जारी है। उन्होंने बताया कि भारतीय पाठकों के बीच बांग्लादेशी लेखकों जैसे हसन अज़ीज़ुल हक, जसीमुद्दीन, बदरुद्दीन उमर और हुमायूं अहमद की किताबें लोकप्रिय हैं, जबकि बांग्लादेशी पाठक सुनील गंगोपाध्याय, शिरशेंदु मुखोपाध्याय, शक्ति चट्टोपाध्याय जैसे भारतीय लेखकों की किताबों की मांग करते हैं।
पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जुलाई से बांग्लादेश से किताबों के आयात और निर्यात में 20 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि, उन्होंने इसे हालिया हिंसक घटनाओं से अधिक मंदी के कारण माना। नाया उद्योग के मालिक पार्थ शंकर बसु ने कहा कि मंदी का यह प्रभाव अस्थायी है और उम्मीद है कि जल्द ही हालात सुधरेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि मंदी के कारण पायरेसी बढ़ सकती है। दोनों देशों में ग्रे मार्केट सक्रिय है, जहां कम कीमत पर बांग्लादेशी और भारतीय लेखकों की पायरेटेड किताबें आसानी से मिल रही हैं।
यह अस्थायी समस्या मानी जा रही है, लेकिन पाठकों और प्रकाशकों को उम्मीद है कि साहित्य के प्रति प्रेम इस स्थिति को बदल देगा। आने वाले दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों और अगरतला में होने वाले पुस्तक मेलों के जरिए स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर