कोलकाता, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गांवों में बाहरी लोगों के अचानक बढ़ते आगमन के बाद केंद्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। जानकारी के अनुसार, सीमा के नजदीकी गांवों में हाल ही में जो नए चेहरे दिखाई दिए हैं, उनकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इन बाहरी लोगों के बारे में स्थानीय निवासियों ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि वे आम तौर पर स्थानीय लोगों से बातचीत नहीं करते।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, यह अलर्ट मुख्य रूप से दो कारणों से जारी किया गया है:
पहला कारण है हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) की सक्रियता। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि हिज्ब-उत-तहरीर के कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के सीमा क्षेत्रों में स्लीपर सेल स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
दूसरा सर्दियों में घने कोहरे का फायदा उठाकर सीमावर्ती क्षेत्रों से अवैध घुसपैठ बढ़ जाती है।
इन घटनाओं के साथ-साथ पड़ोसी देश बांग्लादेश में चल रहे तनाव ने भी भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि हाल ही में बांग्लादेशी पासपोर्ट के साथ दो एचयूटी कार्यकर्ता, रिदवान मारूफ और सब्बीर आमिर, वैध दस्तावेजों के सहारे पश्चिम बंगाल आए थे। उन्होंने मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में कुछ स्थानीय युवाओं से धार्मिक मुद्दों पर बातचीत की और बाद में स्लीपर सेल स्थापित करने की चर्चा की।
इन गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां नियमित रूप से दिल्ली में अपने उच्चाधिकारियों और गृह मंत्रालय को जानकारी दे रही हैं।
सीमा पर बढ़ते खतरों के मद्देनजर, खुफिया एजेंसियों ने न केवल जमीनी बल्कि समुद्री सीमा पर भी निगरानी बढ़ा दी है। यह सतर्कता न केवल अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए है, बल्कि सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर