Madhya Pradesh

ग्वालियर: 16 दिसंबर से होगी पौष मास की शुरुआत, सूर्य देव की पूजा से मिलेगा शुभ फल

ग्वालियर, 11 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है, यह माह 13 जनवरी 2025 को समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बुधवार को बताया कि मान्यता है कि इस माह में पिंडदान और तर्पण करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, सूर्य देव की पूजा करने से साधक को तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। विधिपूर्वक पिंडदान करने से पूर्वजों को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।

पोष माह का महत्व: इस माह में प्रत्येक दिन तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल, लाल चंदन जल और गंगाजल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान ‘ऊँ सूर्याय नम:Ó मंत्र का जप करें। माना जाता है कि सूर्य देव को जल देने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है। पौष मास में गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वति जैसी नदियों में, प्रयागराज के संगम में स्नान करने तीर्थ दर्शन करने की भी परंपरा है। इस माह में व्रत-उपवास, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पवित्र नदियों में नहाने का भी महत्व बताया है। इस पवित्र माह में किए गए धार्मिक कामों से कई गुना पुण्य फल मिलता है।

(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा

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