जम्मू, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय, एसएमवीडीयू, कटरा के स्कूल ऑफ एनर्जी मैनेजमेंट ने मलेशिया के मलाया विश्वविद्यालय के यूएमपीईडीएसी के सहयोग से कार्बन तटस्थता के लिए अक्षय ऊर्जा पर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में दुनिया भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों ने अक्षय ऊर्जा समाधानों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अभिनव रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए।
कार्यशाला का आयोजन स्कूल ऑफ एनर्जी मैनेजमेंट के प्रमुख डॉ. विनीत वी. त्यागी ने किया जिसके सह-संयोजक एसएमवीडीयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजीव आनंद थे। डॉ. यथेष्ठ आनंद ने आयोजन सचिव के रूप में कार्य किया। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. त्यागी ने वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अक्षय ऊर्जा में परिवर्तन के महत्व को रेखांकित किया और सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों को विचारों का आदान-प्रदान करने और कार्बन तटस्थता के लिए व्यावहारिक रास्ते तलाशने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान करता है।
कार्यशाला में मलाया विश्वविद्यालय के यूएमपीईडीएसी के कार्यकारी निदेशक प्रो. जयराज सेल्वराज द्वारा सौर ऊर्जा आधारित प्रणालियों के माध्यम से कार्बन तटस्थता पर एक मुख्य सत्र आयोजित किया गया। प्रो. सेल्वराज ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्थायी ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए फोटोवोल्टिक सिस्टम और सौर तापीय समाधान जैसी सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर अभूतपूर्व शोध प्रस्तुत किया। लाओस के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से डॉ. सौंथिसाक फोममाचान्ह, वियतनाम के कैन थो विश्वविद्यालय से प्रो. ट्रान सी नाम, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (जेएंडके) से प्रो. दीपक पठानिया, एसएमवीडीयू से प्रो. आशुतोष वशिष्ठ जैसे प्रमुख संस्थानों के प्रमुख वक्ताओं ने अपनी अंतर्दृष्टि से कार्यशाला को समृद्ध किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा