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बुजुर्गों की देखभाल में निजी क्षेत्र की भागीदारी

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग आम समस्याओं के अनोखे और अभिनव समाधानों को बढ़ावा देने के लिए सीनियर-केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) योजना चला रहा है। इस योजना के तहत, बुजुर्गों के कल्याण के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए अभिनव स्टार्ट-अप की पहचान की जाती है और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। स्टार्ट-अप का चयन पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है और सामूहिक निवेश के रूप में राशि प्रदान की जाती है, बशर्ते कि सरकारी निवेश फर्म के कुल निवेश का 49 प्रतिशत से अधिक न हो।

यह जानकारी केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

मंत्री ने बताया कि यह पहल विभाग के परामर्श से आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लिमिटेड (निवेश प्रबंधक) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान विभाग द्वारा कुल 14 स्टार्ट-अप को वित्त सहायता दी गई है। इसके अलावा विभाग, वरिष्ठ नागरिक गृहों (वृद्धाश्रम) और सतत देखभाल गृहों आदि के संचालन तथा रखरखाव के लिए गैर-सरकारी तथा स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता भी प्रदान कर रहा है। इन जगहों पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय, पोषण, चिकित्सा और मनोरंजन जैसी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।

अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई) के अंतर्गत राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के घटक के लिए तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन जून, 2024 में पूरा हो गया है और अध्ययन की संस्तुति भी प्राप्त हो गई हैं। इसके अनुसार समाज के सभी वर्गों तक पहुंच बनाने के लिए बहु-चैनल संचार रणनीति अपनाना, जिसमें स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया, प्रत्यक्ष सामुदायिक पहुंच, तथा स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ सहयोग शामिल है। स्थानीय वितरण के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साझेदारी जैसी रणनीतियों के रूप में वैकल्पिक वितरण विधियों को अपनाना। गांव स्तर पर नियमित रूप से मूल्यांकन शिविरों का आयोजन करना तथा योजना के प्रचार में स्थानीय नेताओं और सामुदायिक संगठनों को शामिल करना। योजना में, एर्गोनोमिक फर्नीचर, वेल्क्रो क्लोजर और इलास्टिक बैंड के साथ डिज़ाइन किए गए शरीर अनुकूल कपड़े, मेमोरी डिवाइस जैसे संज्ञानात्मक सहायक उपकरण, चिकित्सीय गतिविधि किट आदि नई वस्तुओं के साथ-साथ गृह संशोधन सहायता को शामिल करने की आवश्यकता है ।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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