– 15 लोगों को हिरासत में लिया और पुलिस वाहन में बैठाकर भेजा जेल
रतलाम, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के रतलाम जिला अस्पताल में पांच दिन पहले डॉक्टर से विवाद होने के मामले को लेकर सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार द्वारा आदिवासी समाज के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को सुबह 11 बजे नेहरू स्टेडियम में आंदोलन कर सभा करने की घोषणा की गई थी। प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं देने पर विधायक ने बंजली हवाई पट्टी पर आंदोलन करने की घोषणा की। बुधवार सुबह विधायक डोडियार व उनके समर्थक हवाई पट्टी पर पहुंचे और सभा की तैयारी करने लगे। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कुछ देर बाद पुलिस प्रशासन ने विधायक कमलेश्वर डोडियार सहित करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया और पुलिस वाहन में बैठकर जेल भेज दिया।
दरअसल, प्रशासन ने अप्रिय घटना की आशंका जताते हुए आंदोलन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद विधायक ने वीडियो जारी कर आंदोलन के लिए लोगों को रतलाम आने का आव्हान किया। प्रशासन व पुलिस ने सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। आंदोलन में बांसवाड़ा, झाबुआ तथा अन्य जिलों से भी कार्यकर्ता आने वाले थे। पुलिस ने जिले की सभी सीमाओं पर बेरिकेट लगाकर नाकाबंदी की थी।
विधायक कमलेश्वर डोडियार को गिरफ्तार करने के बाद करीब एक घंटे बाद हवाई पट्टी से कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व समाजजन एकत्र हुए तथा नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए तथा आंदोलन शुरू किया। वे विधायक डोडियार को रिहा करो, सरकार हमसे डरती है, पुलिस को आगे करती है के नारे लगाने लगे। सामाजिक नेता राधेश्याम काकोड़िया ने कहा कि हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। हम पहले आवेदन देकर निवेदन कर रहे है, प्रशासन नहीं मान रहा है तो आंदोलन चलेगा। वहीं प्रशासन ने बांसवाड़ा हाईवे पर बेरीकैट्स लगा दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया, इससे वाहन चालक परेशान होते रहे।
कार्यकर्ता आदिवासी एकता परिषद के प्रांतीय महासचिव डॉ. केएल डामोर, भारत आदिवासी पार्टी जिलाध्यक्ष चंदू मईड़ा, लक्ष्मणसिंह डिंडोर, शरद डोडियार, सहित कई नेताओं की उपस्थिति में डॉक्टर को बर्खास्त करो, विधायक को रिहा करो के नारे लगाते रहे। इसी बीच एडीएम शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी राकेश खाखा आंदोलनकारियों के पास पहुंचे तथा उनसे चर्चा की। आंदोलनकारियों ने कहा कि आर्टिकल 19 में हमें धरना प्रदर्शन करने की अनुमति है। हम कोई व्यवधान नहीं डाल रहे हैं। हमारे पास कोई हथियार नहीं है। इसके पश्चात चंदू मईड़ा ने ज्ञापन का वाचन कर एडीएम को ज्ञापन सौंपा।
उधर, कुछ-कुछ कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंचते रहे तथा धरना स्थल पर दोपहर करीब पौने दो बजे तक काफी आंदोलनकारी जमा हो गए। कार्यकर्ता फोन लगाकर लोगों को आने के लिए कहते रहे। आंदोलनकारी अलग-अलग स्थानों पर वाहन खड़े कर खेतों में होते हुए पैदल धरना स्थल पहुंचते रहे।
दरअसल, विधायक कमलेश्वर ने इस आंदोलन को लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी, कलेक्टर, एसपी आदि को पत्र लिख नेहरू स्टेडियम में सभा करने की जानकारी दी थी। उच्च गुणवत्ता के शासकीय लगभग 20 कैमरे, 500 बाडी कैमरे एवं ड्रोन कैमरे से कार्यक्रम की संपूर्ण ऑडियो एवं वीडियो रिकॉर्डिंग करने की मांग भी की गई थी। पत्र में उल्लेख किया गया था कि में आदिवासी पार्टी का एक मात्र निवर्वाचित पार्टी का विधायक हूं और कुछ असामाजिक तत्व सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर एवं विरोधी पक्ष के लोग शांतिपूर्वक महाआंदोलन में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए अप्रिय घटना कर सकते है, इसलिये कलेक्टर व एसपी कार्यालयों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बेरिकेटिंग की जाए।
कलेक्टर के आदेश पर अपर कलेक्टर द्वारा विधायक को पत्र लिख अवगत करवाया गया कि आपके द्वारा प्रस्तावित कार्यकम की कोई पूर्वानुमति नहीं ली गई है। उधर सुबह प्रशासन ने नेहरू स्टेडियम के गेट पर ताला लगा दिया जब इसकी जानकारी विधायक डोडियार को मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर हवाई पट्टी में आंदोलन करने की घोषणा की। बुधवार को डोडियार और कार्यकर्ता हवाई पट्टी पर पहुंचे वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। कुछ देर बाद विधायक और उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर जेल वाहन में बैठाया गया और इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
विधायक डोडियार व उनके साथियों को जब जेल के बाहर वाहन से उतारा जा रहा था, तब वे इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगते हुए वाहन से उतरते रहे। कई कार्यकर्ताओं के हाथों में डॉ भीमराव आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस आदि महापुरुषों की तस्वीर थी। विधायक डोडियार व समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद भी सभी सीमाओं तथा अन्य क्षेत्रों में पुलिस बल अभी भी तैनात है। वही अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर