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अबोध बालिका से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कठोर कारावास

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 11 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने बुधवार को अबोध बालिका से दुष्कर्म के एक दोषी को कठोर आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक) की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।थाना नारखी क्षेत्र में 16 जुलाई 2024 को एक डेढ़ वर्षीय अबोध बालिका को एक युवक बहला फुसलाकर चरी के खेत में ले गया। बालिका की मां घर में काम कर रही थी। युवक मजदूरी करने गया था। चरी के खेत में ले जाकर युवक ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। बालिका के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग दौड़कर वहां पहुंचे। लोगों को आता देख युवक वहां से भाग निकला। बाद में लोगों ने एकत्रित होकर उसे दौड़कर पकड़ लिया। बालिका के पिता ने अंकुश पुत्र सुरेश निवासी नगला रामकुवर के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में अंकुश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया।मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पोक्सो प्रथम अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया मुकदमे के दौरान आधा दर्जन से अधिक गवाहों ने न्यायालय में गवाही दी। कई साक्ष न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अंकुश को दोषी माना। न्यायालय ने उसे कठोर आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन) की सजा सुनाई है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है आजीवन कारावास का अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवन काल तक की सजा होगा। न्यायालय ने दोषी पर 100000 रुपए का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे 2 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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