कोलकाता, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकील ने बहु-करोड़ के स्कूल भर्ती घोटाले में ‘किंगमेकर’ बताया है। यह टिप्पणी मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई।
यह मामला जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती की नई पीठ के समक्ष लाया गया, क्योंकि इससे पहले जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस अपूर्व सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया था। जस्टिस बनर्जी ने चटर्जी और अन्य आठ लोगों के लिए जमानत की सिफारिश की थी, जबकि जस्टिस सिन्हा रॉय ने चटर्जी और अन्य चार के लिए जमानत खारिज कर दी थी।
चटर्जी के वकील ने दलील दी कि अगर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल सकती है तो उनके मुवक्किल को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल मेरे मुवक्किल से अधिक प्रभावशाली हैं और उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। मेरे मुवक्किल अब किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य भी नहीं हैं। इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।
सीबीआई के वकील ने इसका विरोध करते हुए चटर्जी को इस घोटाले में ‘किंगमेकर’ बताया और जमानत का विरोध किया।
अगली सुनवाई 17 दिसंबर को जस्टिस चक्रवर्ती की पीठ में होगी। इससे पहले चार दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चटर्जी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। चटर्जी के वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल दो साल से अधिक समय से हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अन्य सह-अभियुक्तों को जमानत दी जा चुकी है।
हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि ‘हर मामले में समानता का दावा नहीं किया जा सकता क्योंकि सभी आरोपित मंत्री नहीं थे।’
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर