कोलकाता, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मेदिनीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मंदारमणि में अवैध होटलों और लॉज को तोड़ने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को यह स्थगन अवधि बढ़ाते हुए निर्देश दिया कि 24 जनवरी 2025 तक इन होटलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
पिछले 11 नवंबर को पूर्व मेदिनीपुर जिला प्रशासन ने मंदारमणि और उसके आसपास के क्षेत्रों में 144 होटलों, लॉज और रिसॉर्ट्स को अवैध घोषित करते हुए इन्हें तोड़ने का आदेश दिया था। यह कार्रवाई तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के नियमों का उल्लंघन करने के कारण की जा रही थी। प्रशासन ने 20 नवंबर तक इन निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया था।
इस आदेश के खिलाफ मंदारमणि होटल मालिक संघ ने हाई कोर्ट का रुख किया। 22 नवंबर को न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने जिला प्रशासन के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए 13 दिसंबर तक स्थगन की अवधि निर्धारित की थी। इस बीच, अदालत ने चार दिसंबर तक पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी थी।
हालांकि, मंगलवार को जब मामले की सुनवाई होनी थी, न्यायमूर्ति अमृता सिन्ह की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। वह वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर बेंच में हैं। उनकी अनुपस्थिति में न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने स्थगन की अवधि बढ़ाकर 24 जनवरी कर दी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय ने पहले भी इन अवैध होटलों को तोड़ने का आदेश दिया था। होटल मालिक संघ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने अदालत में दलीलें प्रस्तुत कीं।
प्रशासन का कहना है कि इन होटलों का निर्माण बिना तटीय नियमों का पालन किए किया गया था, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट इस पर अंतिम फैसला ले सकती है। फिलहाल, 24 जनवरी तक मंदारमणि के अवैध होटलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर