अशोकनगर, 9 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय पर एक इलाका ऐसा है, जिसके एक ओर कलेक्ट्रेट, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, एसपी कार्यालय, कोतवाली, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय हैं तो सडक़ के दूसरी ओर एक अवैध बस्ती है। जिसमें कई वर्षों से अपराध पनप रहे हैं। 5 हेक्टेयर से अधिक जमीन में फैली इस भूमि पर हाल ही के दिनों में एक अज्ञात युवक का शव पाया गया था, जिसकी पत्थरों से कुचलकर हत्या की गई थी। पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद जिस हत्यारोपी को पकड़ा, वह इसी अवैध बस्ती का निवासी है। पुलिस की मानें तो हत्या की वजह केवल इतनी रही कि रात के समय आरोपी जिस मारूति वैन में सो रहा था, मृतक युवक ने उसका गेट खोल दिया था। केवल नींद से जगा देने पर हत्या कर देने का मामला पहली बार शहर में सुनने को मिला है। इस इलाके में एक वर्ष पहले भी एक हत्या हुई थी। तत्समय आरोपी और मृतक दोनों इसी अवैध बस्ती के निवासी थे। दोनों घटनाओं में एक समानता है, एक वर्ष पहले मृतक के गुप्तांग में शराब की बोतल से वार किया गया था और हाल ही में हुई हत्या में भी युवक का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला है। मौका स्थिति देखते हुए पुलिस का मानना था कि अवैध संबंधों के कारण युवक की हत्या हुई होगी लेकिन आरोपी ने पूछताछ में नींद से जागने पर हत्या करना बताया।
पुलिस रिकॉर्ड पर गौर करें तो इस बस्ती में हत्या, अवैध शराब, गांजा, स्मैक एवं चोरी के मामले आरोपियों पर दर्ज हुए हैं। बस्ती में रहने वाले परिवार दिहाड़ी मजदूर हैं। जिन्होंने झोपडिय़ां तानकर यहां आशियाना बनाया है किंतु इन आशियानों के बीच कई अपराधी एवं असामाजिक तत्व भी बस्ती में निवास कर रहे हैं।
मंदसौर मील के नाम है 5.080 हेक्टेयर बेशकीमती भूमियह अवैध बस्ती जिस जमीन पर बसी है, उसे मंदसौर मील के नाम से पहचाना जाता है। तहसील कार्यालय के सामने स्थिति इस जमीन का रकबा 5.080 हेक्टेयर है, जिस पर कुछ माफियाओं और अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है। उक्त शासकीय भूमि को ग्वालियर रियासत ने सन 1929 में मंदसौर के सेठ मुरलीधर वासुदेव को जीनिंग फैक्टरी लगाने के लिए लीज पर दिया था। जिसकी शर्तों का पालन फैक्टरी मालिक द्वारा नहीं किया गया, और उक्त भूमि पर फैक्टरी बंद होने के बाद नियमानुसार भूमि शासन को वापिस होना थी। किन्तु उक्त भूमि मुरलीधर वासुदेव द्वारा अपने गोद लिए गए पुत्र शांतनु कुमार गनेठीवाला के नाम कर दी। जिसके बाद पक्का कृषक पट्टा बनवाकर उक्त करोड़ों की भूमि खुर्द-बुर्द की जा रही है।
93 अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर चुका है प्रशासनकरीब 6 महीने पहले हाईकोर्ट द्वारा इस जमीन के मालिकाना हक के संबंध में चल रहे प्रकरण के दौरान प्रशासन को आदेश दिया था कि प्रकरण के निराकरण के पहले सभी अवैध कब्जे हटाए जाएं। इसके बाद बीते अगस्त माह में प्रशासन द्वारा 93 लोगों को बेदखली का नोटिस दिया था। इन अवैध कब्जों में झोपडिय़ों, गुमठियों के अलावा कई पक्के निर्माण भी शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्समय दावा किया था कि एंटी भू-माफिया अभियान के तहत मंदसौर मील की जमीन से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे किंतु इस दावे के भी चार महीने बीतने वाले हैं, प्रशासन इस मुहिम को अमलीजामा नहीं पहना सका है।
कई अपराधी तत्व पकड़ेइस मामले में एसडीओपी विवेक शर्मा का कहना है कि मंदसौर मील में कई बार हमने अपराधी तत्व पकड़े हैं। प्रकरण भी कई बार दर्ज हुए हैं। हाल ही में एक हत्या हुई है। निश्चित रूप से मंदसौर मील क्षेत्र में बाहरी लोग आकर रह रहे हैं। हमने प्रशासन को यहां की आपराधिक गतिविधियों के बारे में अवगत कराया गया है।वहीं तहसीलदार दीपक शुक्ला का कहना है कि हमने अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिए थे। अतिक्रमण हटाने से पहले हम कागजी प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। एक महीने के अंदर ही बड़ी कार्रवाई होगी। केवल मंदसौर मील ही नहीं शहर में हर जगह से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार