– विश्व हिंदू परिषद की बैठक में संस्कृति, सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत एवं एकता पर महत्वपूर्ण चर्चा – भारतीय संस्कृति के संरक्षण, पहाड़ी क्षेत्रों की समस्याओं और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर उठी आवाज
हरिद्वार, 09 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदू परिषद उत्तराखंड की ओर से साेमवार काे स्वामी नारायण मंदिर भूपतवाला में आयोजित प्रांतीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक में भारतीय संस्कृति, समाज में बदलाव और सुरक्षा के मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता बाबा हठयोगी महाराज ने की। इसमें प्रमुख वक्ता विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र अयोध्या के महामंत्री चंपत राय, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, साध्वी राधा गिरी और अन्य संतों ने अपनी बातें रखी। खासकर, बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की समस्याएं और भारतीय संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया गया। संतों ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी भूमिका को अहम बताया और सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की।
चंपत राय ने कहा कि भारतीय समाज के पाश्चात्य संस्कृति को आत्मसात करने से हमारी पारंपरिक मूल्यों, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत को खतरा हो रहा है। भारतीय संस्कृति की विशेषता इसकी विविधता, सहिष्णुता और समृद्धि है। हमारी संस्कृति में विभिन्न मत पंथ संप्रदाय एवं संस्कृतियों के लोगों के बीच सामंजस्य और एकता की भावना है। हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व और सम्मान की भावना को बढ़ावा देना होगा। युवाओं को संस्कृति और परंपराओं के विषय में शिक्षित करना होगा, ताकि वह अपनी संस्कृति को समझें और उसका सम्मान करें।
भारत में संतों का विशेष प्रभाव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वास्तविकता है। संतों की वाणी और उनके द्वारा दिए गए संदेशों पर लोगों का विश्वास और समर्थन होना बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। विश्व हिन्दू परिषद भी समाज में महत्वपूर्ण योगदान करता है किंतु संत हिन्दू समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जनसंख्या असंतुलन और भौगोलिक परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। यह समस्या न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी और भूगोल को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह भारतीय सीमाओं की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है। लव जिहाद, लैंड जिहाद और मजार जिहाद जैसी गतिविधियों के कारण क्षेत्र में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर भी खतरा मंडरा रहा है।
साध्वी राधा गिरी ने कहा कि पुण्य पवित्र मां गंगा के किनारों पर नशे का व्यापार बढ़ता जा रहा है। संतों के वेश में मुसलमानों द्वारा अपराध करने से समाज का संतों पर विश्वास भी कम हो रहा है। यह समस्या न केवल धार्मिक और सामाजिक है, बल्कि यह एक गंभीर अपराधिक समस्या भी है।
विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें। जिस प्रकार सोची समझी साजिश के तहत हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, उसे हिन्दू समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने कहा कि पुरोला, नैनबाग, डुंडा, घाट चमोली, गोचर आदि घटनाओं से सबक लेते हुए सफलता की ओर कदम बढ़ाए हैं। वस्तुतः हम परिणाम की और अग्रसर हैं। अब उत्तराखंड में परिस्थितियां ठीक हो रही हैं।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में सभी संतों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार, अत्याचार पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि हिंदू समाज को संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए, ऐसी हुंकार जो बांग्लादेश तक सुनाई दे। संत समाज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मांग करता है कि इस मामले को गंभीरता से लेकर बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में मंच का संचालन विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया।
बैठक में श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर रुपेंद्र प्रकाश, श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर मैत्रेई गिरी महाराज, हेमानंद सरस्वती, ज्ञान प्रेमानंद महाराज, स्वामी ऋषिश्वरानंद, सुतिक्षण मुनि, महंत दिनेश दास, स्वामी ज्योतिर्मयानंद, साध्वी समर्पिता, विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार, प्रांत मंत्री धीरेन्द्र शर्मा, प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख दिलीप मिश्रा आदि उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला