Uttar Pradesh

अंग्रेजी विभाग प्रकाशित कर रहा शोधार्थियों और छात्रों की स्व-रचित कविताएँ

गोरखपुर, 8 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा विभाग के पीजी छात्रों और शोधार्थियों की स्व-रचित काव्य रचनाओं का संग्रह प्रकाशित किया जा रहा है। इस संग्रह का नाम “शब्द और स्टैंजा” रखा गया है, जो इसके विशेष महत्व को दर्शाता है। इस संग्रह में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएँ शामिल की जाएंगी।

इस काव्य संग्रह में देशभक्ति, प्रेम, जीवन, आशा, प्रकृति, नारीवाद, सामाजिक अन्याय, पर्यावरण संरक्षण, और आध्यात्मिकता जैसे विविध विषयों पर आधारित कविताएँ शामिल होंगी। ये कविताएँ न केवल छात्रों और शोधार्थियों की रचनात्मकता को उजागर करेंगी, बल्कि उनके गहन भावनात्मक अनुभवों और समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करेंगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि यह पुस्तक प्रकाशन प्रक्रिया में है और इसे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा शीघ्र ही विमोचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विभाग की ओर से एक नवाचारी योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की छिपी हुई रचनात्मक प्रतिभा को मंच प्रदान करना है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अंग्रेजी विभाग नियमित रूप से अपनी मासिक पत्रिका “साहित्य विमर्श” का प्रकाशन कर रहा है। यह भी विभाग की एक अनूठी पहल है, जो छात्रों और शोधार्थियों के बीच साहित्य के प्रति रुचि और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।

इस पुस्तक और मासिक पत्रिका के माध्यम से अंग्रेजी विभाग न केवल छात्रों की साहित्यिक और रचनात्मक क्षमता को संरक्षित कर रहा है, बल्कि उनके बीच साहित्य के प्रति एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण कर रहा है।

शोधार्थियों और छात्रों ने कुलपति से साझा की कविताओं के प्रकाशन की जानकारी

जब कुलपति प्रो. पूनम टंडन विभागीय पुस्तकालय के उद्घाटन के लिए विभाग में पधारीं, तो शोधार्थियों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक उनसे मुलाकात की और अपनी स्व-रचित कविताओं के संग्रह “शब्द और स्टैंजा” के प्रकाशन की जानकारी साझा की।

कुलपति ने छात्रों और शोधार्थियों को उनकी रचनात्मकता और प्रयासों के लिए हार्दिक बधाई दी। साथ ही, उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल को भी इस नवाचारी पहल के लिए शुभकामनाएँ दीं और विभाग के साहित्यिक प्रयासों की सराहना की। उनकी प्रेरणादायक बातों ने सभी को प्रोत्साहित किया।

—————

(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

Most Popular

To Top