नई दिल्ली, 08 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर के लिए प्रस्तावित नियमों पर 30 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं। इन नियमों का उद्देश्य बुखार और हाइपोथर्मिया जैसी स्थितियों के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उपकरणों के लिए मौजूदा नियमों को संशोधित करना है। हितधारकों और जनता को 30 दिसंबर, 2024 तक अपनी टिप्पणियां और सुझाव देने हैं।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि मानव और पशु शरीर के तापमान को मापने के लिए डिज़ाइन किए गए क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर के मानकीकरण और सटीकता को बढ़ाने के लिए मसौदा नियम प्रस्तावित किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि गठित समिति के तैयार किए गए मसौदा नियमों को 29 नवंबर को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रकाशित किया गया था। प्रस्तावित मसौदा नियमों को निम्नलिखित लिंक पर ऑनलाइन देखा जा सकता है।
मंत्रालय के मुताबिक सार्वजनिक और हितधारकों के फीडबैक की समीक्षा के बाद अंतिम रूप दिए जाने के बाद ये नियम क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर की सटीकता और विश्वसनीयता को मानक बना देंगे। इन प्रावधानों में इन उपकरणों के सत्यापन और मुहर लगाने को अनिवार्य किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं, जिससे मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा हो सके। दरअसल, उपभोक्ता मामले विभाग के तहत विधिक माप विज्ञान विभाग, तौल और माप उपकरणों में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है, जिससे उपभोक्ता हितों की रक्षा होती है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर