Uttar Pradesh

अंतरराष्ट्रीय आईईईई सम्मेलन में विशेषज्ञों ने आईसीटी के सभी आयामों पर की चर्चा

व्याख्यान देते

प्रयागराज, 08 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आईईईई सम्मेलन में विशेषज्ञों ने आईसीटी के क्षेत्र में जटिल चुनौतियों का समाधान करने में अंतःविषय सहयोग पर बल दिया। शोधकर्ताओं को नवाचार को आगे बढ़ाने और सार्थक समाधान बनाने के लिए पारम्परिक सीमाओं से परे काम करने की आवश्यकता है।

रविवार को झलवा परिसर में समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतावाने ने कहा कि आने वाले वर्षों में जिस तीव्र गति से प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। उन्होंने कहा कि नवाचार को आगे बढ़ाने, दक्षता में सुधार करने और हमारे काम करने और जीने के तरीके को बदलने में आईसीटी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और 5जी जैसी उभरती हुई तकनीकों के उदय के साथ कुशल आईसीटी पेशेवरों की मांग में व्यापक वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा इस सम्मेलन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग से लेकर साइबर सुरक्षा और डेटा एनालिटिक्स जैसे पहलुओं पर विशेषज्ञों को आईसीटी से सम्बंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर अपनी अंतर्दृष्टि और शोध निष्कर्षों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। सम्मेलन में उपस्थित लोगों को आईसीटी की वर्तमान स्थिति और क्षेत्र की सम्भावित भविष्य की दिशाओं की व्यापक समझ हासिल करने का एक अवसर प्राप्त हुआ।

सम्मेलन अध्यक्ष प्रो यूएस तिवारी ने निरंतर विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए निरंतर सीखने और कौशल बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया कि आईसीटी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्योग की जरूरतों के अनुरूप हों। एसजीएसआईटीएस, इंदौर के निदेशक प्रो नितेश पुरोहित ने शोधकर्ताओं और पेशेवरों को आईसीटी को अपनाने और क्षेत्र में नवीनतम विकास से अवगत रहने के लिए प्रोत्साहित किया। सही कौशल और ज्ञान के साथ, व्यक्ति अधिक जुड़े हुए, कुशल और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए आईसीटी की शक्ति का उपयोग कर सकते हैं।

सीआईसीटी-2024 के प्रमुख डॉ. विजय कुमार चौरसिया ने कहा कि सम्मेलन में विभिन्न आईसीटी डोमेन में नवीनतम शोध और उन्नति को प्रदर्शित किया गया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से लेकर साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स तक के विषयों पर प्रस्तुतियां और चर्चाएं शामिल थीं। दुनिया भर के विशेषज्ञ अपने ज्ञान और अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए एकत्र हुए, जिससे यह नेटवर्किंग और सहयोग के लिए एक मूल्यवान मंच बन गया। आयोजन सचिव डॉ. सुनील कुमार यादव ने कहा कि सम्मेलन ने विशेषज्ञों को विचारों का आदान-प्रदान करने, शोध परियोजनाओं पर सहयोग करने और आईसीटी के क्षेत्र में नवाचार के नए रास्ते तलाशने के लिए एक मंच प्रदान किया।

डॉ. जोंग-हून किम ने सभागार में मानव-रोबोट सम्पर्क में क्रांतिकारी बदलावः भविष्य की जीवनशैली पर एआई-संवर्धित टेलीरोबोटिक्स के प्रभाव पर मुख्य व्याख्यान दिया। उनके भाषण से उन्नत रोबोटिक्स द्वारा आकार ली गई दुनिया की एक झलक मिली। साथ ही, न्यूजेन आईडीसी लैब में प्रो. ओपी व्यास ने कम्प्यूटेशनल प्रतिमानों पर बातचीत को समृद्ध किया।

संस्थान के पीआरओ डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर ट्रिपल आईटी इलाहाबाद और कोसिसे, स्लोवाकिया के तकनीकी विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह सहयोग अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देने, सीमाओं के पार अनुसंधान के अवसरों को बढ़़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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