पटना, 08 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अवशेष एवं पुनर्स्थापन का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस परियोजना के तहत दशकों पहले बनी नहरों से गाद की सफाई, क्षतिग्रस्त नहर बांधों तथा जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं के पुनर्स्थापन और अधूरी नहर प्रणाली के निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
परियोजना की भौतिक प्रगति 94.23 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। इस महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने पर मधुबनी जिले के 19 प्रखंडों और दरभंगा जिले के 5 प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे। साथ ही क्षेत्र में भूजल स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का उद्देश्य मधुबनी और दरभंगा जिले के बड़े इलाके में नहरों के जरिये सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करना है।
इस परियोजना के अंतर्गत कोसी नदी पर नेपाल के भीमनगर में निर्मित बराज के दाएं भाग से पश्चिमी कोसी मुख्य नहर का निर्माण किया गया है। इस मुख्य नहर से निस्सृत विभिन्न वितरण प्रणाली का अवशेष निर्माण-सह-पुनर्स्थापन कार्य कराया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत कृषि योग्य कमांड क्षेत्र 2,03,300 हेक्टेयर है। इसमें से मधुबनी जिले में कृषि योग्य कमांड क्षेत्र 1,87,744 हेक्टेयर, जबकि दरभंगा जिले में कृषि योग्य कमांड क्षेत्र 15,556 हेक्टेयर है।
राज्य में उपलब्ध नदी जल का बेहतर प्रबंधन करते हुए सिंचाई सुविधा के निरंतर विस्तार के जल संसाधन विभाग के प्रयासों के अनुरूप, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। मधुबनी दरभंगा जिलों के बड़े इलाके में नहरों के जरिये सालोभर सिंचाई सुविधा मिलने पर दोनों जिलों में किसान तीन फसल तक उगा सकेंगे। इससे क्षेत्र में कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस तरह इस परियोजना के पूर्ण होने से मधुबनी और दरभंगा जिले में कृषि क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी